अपडेटेड 10 May 2025 at 17:07 IST
BREAKING: बच नहीं पाएगा पाकिस्तान, भारत के करारा जवाब के बीच बलोच लड़ाकों ने PAK सेना पर किया हमला, मुनीर के उड़े होश, VIDEO
पाकिस्तान एक ओर जहां भारत के हमलों से बचता हुआ दिखाई दे रहा है वहीं पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बलूच विद्रोहियों ने भी पाकिस्तान पर हमला बोल दिया है।
Baloch Army Attack on Pakistan: पहलगाम आतंकी हमले के विरोध भारत ने पाकिस्तान पर 'ऑपरेशन सिंदूर' 6 मई की रात को शुरू कर दिया है। इस ऑपरेशन में भारतीय सेना की तीनो टुकड़ियों के ज्वाइंट ऑपरेशन से पाकिस्तानी आतंकियों के 9 ठिकानों को तबाह कर दिया। अब पाकिस्तान एक ओर जहां भारत के हमलों से बचता हुआ दिखाई दे रहा है वहीं पाकिस्तान के बलूचिस्तान में बलूच विद्रोहियों ने भी पाकिस्तान पर हमला बोल दिया है। इस तरह से पाकिस्तान बाहर और भीतर दोनों तरफ से युद्ध में घिर चुका है। आने वाले समय में क्या होने वाला है ये तो फिलहाल वक्त ही बताएगा लेकिन मौजूदा समय पाकिस्तान पर क्या बीत रही है वो दुनिया देख रही है। बलूचिस्तान में एक बार फिर से बलूच विद्रोहियों ने पाकिस्तान के नॉर्थ वेस्ट इलाके में पाकिस्तानी ऑर्मी की चौकियों पर हमला बोला है।
पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में एक बार फिर बलूच विद्रोही संगठनों ने पाकिस्तान की सेना और सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हुए संगठित और बड़े पैमाने पर हमले किए हैं। इन हमलों ने न केवल पाकिस्तानी खुफिया और सैन्य एजेंसियों की नींद उड़ा दी है, बल्कि देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल भी खड़े कर दिए हैं। विद्रोही हमलों की ताजा सीरीज पाकिस्तान में बलूचिस्तान क्षेत्र के उत्तर-पश्चिम क्षेत्र में दर्ज की गई है, जबकि कुछ दिन पहले ही बलूचिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी शहरों में भी इसी तरह के हमले हुए थे। हमलों की ज़िम्मेदारी बलूच स्वतंत्रता की मांग करने वाले गुटों ने ली है।
बलूच ऑर्मी ने इन प्रमुख शहरों को बनाया निशाना
- तुरबत: डी बलोच इलाके में पाकिस्तानी सुरक्षाबलों पर ग्रेनेड हमला किया गया।
- केच: बुलेदा क्षेत्र में तेज विस्फोटों और भारी गोलीबारी की खबरें आई हैं।
- क्वेटा और पंजगुर: यहां सरकारी संस्थानों को आग के हवाले कर दिया गया, और सुरक्षा बल बैकफुट पर नजर आए।
हालांकि अभी तक किसी तरह के हताहत या नुकसान की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन स्थानीय सूत्रों के अनुसार क्षेत्र में आतंक और अस्थिरता का माहौल है। संचार माध्यमों पर प्रतिबंध या सीमित नेटवर्क के चलते ग्राउंड रिपोर्टिंग बाधित हो रही है, जिससे व्यापक जानकारी मिलना मुश्किल है।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 10 May 2025 at 16:49 IST