अपडेटेड 20 September 2025 at 23:34 IST
H1B Visa : क्या सभी को भरने होंगे 88 लाख रुपये? डोनाल्ड ट्रंप ने इन वीजा धारकों को दी छूट, नहीं भरने होंगे 1 लाख डॉलर
US H1B visa program: वरिष्ठ अमेरिकी प्रशासनिक अधिकारी ने इसपर एक बड़ी और खास जानकारी दी है। इस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया है कि जो लोग देश (अमेरिका) की यात्रा पर आ रहे हैं या देश (अमेरिका) छोड़ रहे हैं, या भारत की यात्रा कर रहे हैं उन्हें रविवार से पहले वापस आने या 100,000 डॉलर का शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है।
US H1B visa program: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H1B visa के लिए फीस को बढ़ाकर अब एक लाख डॉलर यानी करीब 88 लाख रुपये कर दिया है। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 70 फीसदी से अधिक भारतीय इस वीजा का इस्तेमाल करके अमेरिका जाते हैं और वहां नौकरी करते हैं। इनके लिए यह झटका माना जा रहा है।
वहीं, यह नियम 21 सितंबर से ही लागू हो रहा है। लेकिन क्या आपको पता है कि यह नया नियम किसपर अभी लगने वाला है? अमेरिकी प्रेसिडेंट ट्रंप ने इस नई फीस से पुराने लोगों यानी पुराने H1B visa होल्डरों को राहत दी है। आइए इसके बारे में जानते हैं...
नए धारकों को देना होगा एक लाख डॉलर
न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, वरिष्ठ अमेरिकी प्रशासनिक अधिकारी ने इसपर एक बड़ी और खास जानकारी दी है। इस अधिकारी ने न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया है कि जो लोग देश (अमेरिका) की यात्रा पर आ रहे हैं या देश (अमेरिका) छोड़ रहे हैं, या भारत की यात्रा कर रहे हैं उन्हें रविवार से पहले वापस आने या 100,000 डॉलर का शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है। 100,000 डॉलर केवल नए धारकों के लिए है, वर्तमान धारकों के लिए नहीं। मतलब कि जो लोग नए धारक हैं, उन्हें अमेरिका में H1B visa के जरिए जाने के लिए एक लाख डॉलर यानी कि करीब 88 लाख रुपये देने होंगे। वहीं, जो पहले से रह रहे हैं और पुराने हैं, उन्हें अभी ये बढ़ी हुई फीस नहीं देनी है।
US H1B visa program पर क्या बोला भारत?
भारतीय विदेश मंत्रालय ने US H1B visa program पर अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। इसके अनुसार मंत्रालय का कहना है - सरकार ने अमेरिकी H1B वीजा कार्यक्रम पर प्रस्तावित प्रतिबंधों से संबंधित रिपोर्ट देखी हैं। इस उपाय के पूर्ण निहितार्थों का अध्ययन सभी संबंधित पक्षों द्वारा किया जा रहा है, जिसमें भारतीय उद्योग भी शामिल है, जिसने H1B कार्यक्रम से संबंधित कुछ धारणाओं को स्पष्ट करते हुए एक प्रारंभिक विश्लेषण पहले ही प्रस्तुत कर दिया है।
इसमें आगे बताया गया है - भारत और अमेरिका दोनों के उद्योगों की नवाचार और रचनात्मकता में रुचि है और उनसे आगे के सर्वोत्तम मार्ग पर परामर्श की अपेक्षा की जा सकती है। कुशल प्रतिभाओं की गतिशीलता और आदान-प्रदान ने संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत में प्रौद्योगिकी विकास, नवाचार, आर्थिक विकास, प्रतिस्पर्धात्मकता और धन सृजन में अत्यधिक योगदान दिया है। इसलिए नीति निर्माता पारस्परिक लाभों को ध्यान में रखते हुए हाल के कदमों का मूल्यांकन करेंगे, जिसमें दोनों देशों के बीच मजबूत जन-जन संबंध शामिल हैं।
मंत्रालय ने कहा है - इस उपाय के परिवारों के लिए उत्पन्न व्यवधान के रूप में मानवीय परिणाम होने की संभावना है। सरकार को उम्मीद है कि अमेरिकी अधिकारी इन व्यवधानों का उचित समाधान कर सकते हैं।
Published By : Amit Dubey
पब्लिश्ड 20 September 2025 at 23:34 IST