अपडेटेड 28 August 2025 at 22:47 IST
सांसों के साथ हर दिन 68,000 माइक्रोप्लास्टिक कण अंदर ले रहे इंसान, नई स्टडी ने बताया बेहद खतरनाक
नई स्टडी में पाया गया है कि इंसान हर दिन सांसों के जरिए 68,000 माइक्रोप्लास्टिक कण अंदर ले रहे हैं। ये माइक्रोप्लास्टिक स्वास्थ्य के लिए बेहद खतरनाक है।
एक स्टडी में पाया गया है कि लोग अपने घरों या कार में जो भी सांस लेते हैं, उसमें छोटी मात्रा में माइक्रोप्लास्टिक मौजूद होता है, जो फेफड़ों में गहराई तक समा सकता है। स्टडी में यह भी बताया गया है कि यह माइक्रोप्लास्टिक हमारे जीवन के लिए कितना खतरनाक है।
प्लॉस वन पत्रिका में प्रकाशित इस स्टडी के अनुसार इंसान प्रतिदिन 68,000 सूक्ष्म प्लास्टिक कणों को सांस के जरिए अंदर ले सकते हैं। इससे पहले भी इसे लेकर जो स्टडी की गई है, उसमें हवा में मौजूद माइक्रोप्लास्टिक के बड़े कणों की पहचान की गई। हालांकि, उनसे ज्यादा खतरनाक नहीं होते। दरअसल, ये माइक्रोप्लास्टिक हवा में ज्यादा देर तक नहीं रहते। यह फेफड़ों की प्रणाली में उतनी गहराई तक नहीं जाते।
यह स्वास्थ्य के लिए है खतरनाक
नई स्टडी में जिस माइक्रोप्लास्टिक के बारे में जानकारी दी गई, वह आकार छोटे कण 1 से 10 माइक्रोमीटर के बीच होता है। इसे इंसानों के बाल की मोटाई के लगभग सातवें हिस्से के बराबर माना जा सकता है। स्वास्थ्य के लिए ज्यादा खतरा पैदा करते हैं क्योंकि ये पूरे शरीर में आसानी से फैल सकते हैं।
उम्मीद से ज्यादा हो सकते खतरनाक
स्टडी को लिखने वालों ने इसे लेकर सुझाव दिया है कि माइक्रोप्लास्टिक के सांस लेने के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव हमारी समझ से कहीं ज्यादा गंभीर हो सकते हैं। फ्रांस के टूलूज़ यूनिवनर्सिटी में माइक्रोप्लास्टिक शोधकर्ता और अध्ययन की सह-लेखिका नादिया याकोवेंको ने कहा, "हमें माइक्रोप्लास्टिक के स्तर पर बहुत आश्चर्य हुआ - यह पहले के अनुमान से कहीं ज्यादा था।"
आकार में छोटा लेकिन बेहद खतरनाक
उन्होंने आगे कहा, "कण का आकार छोटा होता है और ऊतकों में ट्रांसफर होने के लिए जाना जाता है, जो खतरनाक है क्योंकि यह रक्तप्रवाह में प्रवेश कर सकता है और श्वसन तंत्र में गहराई तक जा सकता है।" माइक्रोप्लास्टिक प्लास्टिक के छोटे-छोटे टुकड़े होते हैं जिन्हें या तो जानबूझकर उपभोक्ता वस्तुओं में मिलाया जाता है, या जो बड़े प्लास्टिक के टूटने से बनते हैं। इन कणों में 16,000 से ज्यादा प्लास्टिक रसायन होते हैं, जिनमें से कई, जैसे BPA, फ़थलेट्स और Pfas, गंभीर स्वास्थ्य जोखिम पैदा करते हैं।
Published By : Kanak Kumari Jha
पब्लिश्ड 28 August 2025 at 22:47 IST