अपडेटेड 26 November 2025 at 17:28 IST
VIDEO: राजस्थान में साफा-पगड़ी, ढोल लेकर 21 बैलगाड़ियां साथ चलीं...100 साल पुराने स्टाइल में निकली बारात तो भावुक हो गए लोग
राजस्थान में अनोखे स्टाइल में बैलगाड़ियों से बारात निकाली गई, बता दें 100 साल पहले बैलगाड़ियों से बारात ऐसे ही जाता करती थी। क्योंकि तब गाड़ियां नहीं होती थी।
Rajasthan traditional marriage Video: राजस्थान के सोजत में एक अनोखी शाही बारात निकली, जिसमें 21 सजी‑धजी बैलगाड़ियों शामिल हुईं। भरत प्रजापत (पुत्र सोहनलाल प्रजापत) बेंगलुरु में रहते हैं, उनकी बारात सोजत रोड ओवरब्रिज से रवाना होकर शहर के मेन रोड से से गुजरी और सोजत सिटी में पहुंची। इस शोभायात्रा में बैलगाड़ियों को पारंपरिक रंग‑बेरियों, फूलों और झंडियों से सजाया गया था । जैसे 100 साल पहले बारात जाया करती थी, ये ठीक उसी स्टाइल में बारात जा रही थी। वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने इसे काफी पसंद भी किया।
बारातियों ने राजस्थानी परिधान साफा, पगड़ी और चमकीला श्रृंगार किया हुआ था। ढोल‑नगाड़ों और शहनाई की धुनों पर नाचते‑गाते बाराती आगे बढ़े। महिलाओं ने मंगल गीत गाए जबकि पुरुषों ने गजरा नृत्य किया, जिससे माहौल बन गया। स्थानीय निवासियों ने जगह‑जगह पुष्प वर्षा कर इस ऐतिहासिक जुलूस का स्वागत किया।
100 साल पुराने स्टाइल में निकाली बारात
21 बैलगाड़ियों की एक साथ चलती झांकी ने 100 साल पहले की उस परंपरा की याद दिलाई, जब बैलगाड़ियों से ही बारातें निकाली जाती थीं। इस आयोजन ने प्रजापत समाज की सामूहिक भागीदारी को दिखाया, साथ ही राजस्थान की लोक संस्कृति और सामाजिक एकता को भी दिखाया, क्योंकि आस पास के लोगों ने भी प्यार दिखाते हुए फूल बरसाए। जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पहले की तरह आज भी लोग एक दूसरे को रिस्पेक्ट देते हैं और लोगों की खुशियों में शामिल होते हैं।
नई पीढ़ी तक परंपराओं को पहुंचाना संदेश
सोजत के नगर निगम के अधिकारी ने बताया कि इस तरह की बारातें क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने में भूमिका निभाती हैं। उन्होंने कहा, ‘हम इस तरह के आयोजनों को समर्थन देते हैं, क्योंकि यह हमारी परंपराओं को नई पीढ़ी तक पहुंचाता है।’ बारात के सोजत सिटी में पहुंचने पर शहर में उत्सव का माहौल बना गया। परिवारजनों और समाजजनों ने भरत प्रजापत का स्वागत किया, जिससे यह शाही बारात न सिर्फ एक वैवाहिक समारोह बल्कि सांस्कृतिक संरक्षण का सुंदर उदाहरण बन गई।
इस भव्य शोभायात्रा ने लोगों को राजस्थान की समृद्ध परंपराओ से परिचित कराया और सामाजिक एकजुटता का संदेश दिया। ऐसे आयोजन स्थानीय संस्कृति के संरक्षण में योगदान देंगे। इन्हें देखकर सभी ने उत्साह जताया और इस तरह पुरानी पारंपिरक बाराज जाने को काफी सराहा जा रहा है।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 26 November 2025 at 17:28 IST