अपडेटेड 1 December 2025 at 22:10 IST
अब हर 6 घंटे में कंप्यूटर से Logout हो जाएगा आपका WhatsApp Web, सरकार के इस नियम से पाकिस्तान में क्यों बढ़ी टेंशन? जानिए क्या हैं नए Rules
WhatsApp Web New Rules: केंद्र सरकार ने नए सख्त “SIM-बाइंडिंग” नियम लागू किए हैं, जो WhatsApp, Telegram, Signal, Snapchat, ShareChat, JioChat, Arattai और दूसरे इंटरनेट मैसेजिंग ऐप इस्तेमाल करने के लोगों के तरीके को पूरी तरह बदल देंगे।
WhatsApp Web New Rules: केंद्र सरकार ने नए सख्त “SIM-बाइंडिंग” नियम लागू किए हैं, जो WhatsApp, Telegram, Signal, Snapchat, ShareChat, JioChat, Arattai और दूसरे इंटरनेट मैसेजिंग ऐप इस्तेमाल करने के लोगों के तरीके को पूरी तरह बदल देंगे।
टेलीकम्युनिकेशन साइबर सिक्योरिटी अमेंडमेंट रूल्स, 2025 के तहत डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन्स (DoT) के जारी निर्देशों के तहत, यूजर्स को अब इन ऐप का इस्तेमाल तब तक करने की इजाजत नहीं होगी, जब तक अकाउंट से जुड़ा एक्टिव SIM कार्ड डिवाइस के अंदर न हो।
DoT ने दिया ये निर्देश
DoT ने भारत में चल रही सभी ऐप-बेस्ड कम्युनिकेशन सर्विस से कहा है कि उन्हें अपने ऐप को इस तरह से रीडिजाइन करना होगा:
- ऐप को रेगुलर चेक करना होगा कि रजिस्ट्रेशन के समय इस्तेमाल किया गया SIM अभी भी फोन में मौजूद और एक्टिव है या नहीं।
- अगर SIM निकाल दिया जाता है, बदल दिया जाता है, या डीएक्टिवेट कर दिया जाता है, तो ऐप को तब तक अपने आप काम करना बंद कर देना चाहिए जब तक कि सही SIM दोबारा न लगाया जाए।
90 दिनों के अंदर, इन मैसेजिंग ऐप्स को सिर्फ Wi‑Fi पर या बिना ओरिजिनल SIM वाले डिवाइस पर इस्तेमाल करना टेक्निकली नामुमकिन हो जाना चाहिए, जो आज के तरीके से एक बड़ा बदलाव है, जहां OTP के जरिए एक बार वेरिफिकेशन किया जाता है और SIM निकालने के बाद भी ऐप काम करता रहता है।
6 घंटे में कंप्यूटर से Logout हो जाएगा आपका WhatsApp Web
- WhatsApp Web जैसे वेब वर्शन को यूजर्स को हर छह घंटे में कम से कम एक बार अपने आप लॉगआउट करना होगा। जारी रखने के लिए, यूजर्स को एक QR कोड स्कैन करना होगा या फोन ऐप से फिर से ऑथेंटिकेट करना होगा, हर बार SIM-डिवाइस लिंक को फिर से बनाना होगा।
- यह ऑर्डर असल में सभी OTT (ओवर-द-टॉप) कम्युनिकेशन और मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर लागू होता है जो पहचान के लिए मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करते हैं, जिसमें WhatsApp, Telegram, Signal, Snapchat, ShareChat, JioChat, Josh, Arattai, और दूसरे शामिल हैं।
इन सर्विसेज को नोटिफिकेशन के 90 दिनों के अंदर लगातार SIM बाइंडिंग लागू करने और 120 दिनों के अंदर सरकार को कम्प्लायंस रिपोर्ट जमा करने का निर्देश दिया गया है। ऐसा न करने पर टेलीकम्युनिकेशन एक्ट, 2023 और बदले हुए टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी नियमों के तहत कार्रवाई हो सकती है।
सरकार ऐसा क्यों कर रही है?
DoT का कहना है कि यह बदलाव मैसेजिंग ऐप्स के मौजूदा काम करने के तरीके में एक गंभीर सिक्योरिटी कमी को दूर करने के लिए है। आज, ज्यादातर ऐप्स एक फोन नंबर को एक बार वेरिफाई करते हैं, आमतौर पर SMS OTP के जरिए, जिसके बाद ऐप तब भी काम करता रहता है, जब SIM हटा दिया जाता है, नंबर डीएक्टिवेट कर दिया जाता है, या यूजर विदेश यात्रा करके विदेशी SIM में बदल लेता है।
अधिकारियों का तर्क है कि इससे क्रिमिनल्स को भारत के बाहर से भारतीय नंबरों से जुड़े अकाउंट्स को हैक करने या उनका इस्तेमाल जारी रखने की करने की इजाजत मिल जाती है। आपको बता दें कि यह उन पाकिस्तानी आतंकवादियों पर भी गहरी चोट होगी, जो भारत के सिम पर व्हाट्सएप को दूसरे देशों से एक्सेस कर पाते हैं, जिन्हें ट्रैक करना मुश्किल हो जाता है।
सरकार का तर्क क्या है?
कुछ प्लेटफॉर्म यूजर SIM कार्ड हटाने के बाद भी सर्विस जारी रखने देते हैं, जिससे बिना वैलिड ऑथेंटिकेशन के विदेशी जगहों से भारतीय मोबाइल नंबरों का फ्रॉड इस्तेमाल हो पाता है, जो उनके अनुसार टेलीकॉम साइबर सिक्योरिटी के लिए एक चुनौती है। लगातार SIM बाइंडिंग और ज्यादा कड़े वेब-सेशन कंट्रोल से ट्रेसेबिलिटी बेहतर होने और गुमनाम या लंबे समय से चल रहे फ्रॉड अकाउंट को ऑपरेट करना मुश्किल होने की उम्मीद है। एक बार लागू होने के बाद, नए नियम कई आम इस्तेमाल के पैटर्न बदल देंगे।
- किसी नंबर पर WhatsApp या Telegram रजिस्टर करते हैं, फिर SIM निकाल देते हैं और Wi-Fi पर ऐप का इस्तेमाल करते रहते हैं।
- किसी एक्स्ट्रा फोन में अब इनएक्टिव या बहुत कम इस्तेमाल होने वाले नंबर का इस्तेमाल सिर्फ मैसेजिंग के लिए करते हैं।
आम लोगों की बढ़ेगी मुसीबत?
अगर ओरिजिनल SIM डिवाइस में फिजिकली मौजूद और एक्टिव नहीं है, तो ऐप को उसे दोबारा डालने तक एक्सेस लॉक करना होगा। अगर आप विदेश ट्रैवल करते समय अपना प्राइमरी इंडियन SIM बदल देते हैं, लेकिन Wi-Fi पर या सिर्फ विदेशी SIM से मैसेजिंग ऐप इस्तेमाल करते रहते हैं, तो उस अकाउंट के लिए ऐप्स को काम करना बंद करना होगा। यूजर्स को अपना रजिस्टर्ड SIM हर समय फोन में रखना पड़ सकता है या नंबर बदलते समय फिर से रजिस्टर करना पड़ सकता है। यह कुछ ऐसा है जो अक्सर ट्रैवल करने वालों, डुअल-SIM यूजर्स और कई लाइनों में काम करने वालों के लिए मुश्किल हो सकता है।
इसके अलावा, WhatsApp Web और इसी तरह के क्लाइंट जो आज कई दिनों या हफ्तों तक लॉग इन रहते हैं, अब कम से कम हर छह घंटे में ऑटो-लॉगआउट हो जाएंगे। इसका मतलब है कि ऑफिस या शेयर्ड एनवायरनमेंट में यूजर्स को समय-समय पर QR कोड को फिर से स्कैन करना होगा या फोन से फिर से ऑथेंटिकेट करना होगा, जिससे दिक्कत बढ़ेगी लेकिन थ्योरी के हिसाब से लंबे समय तक हाईजैक होने वाले सेशन कम हो जाएंगे।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 1 December 2025 at 21:05 IST