अपडेटेड 28 February 2025 at 17:12 IST
क्या है ISRO का मिशन SpaDeX, जिसका फिर से शुरू हो रहा है प्रयोग; इसरो चीफ नारायणन ने बताया प्लान
इसरो ने पिछले साल 30 दिसंबर को स्पैडेक्स मिशन की शुरुआत की थी। इसरो मार्च के मध्य में स्पैडेक्स मिशन के तहत फिर प्रयोग शुरू करेगा।
SpaDeX Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) मार्च के मध्य में ‘स्पैडेक्स’ मिशन के तहत फिर प्रयोग शुरू करेगा। इसके तहत दो उपग्रहों - चेसर और टार्गेट - को अलग करने और उन्हें पुनः जोड़ने का प्रयास किया जाएगा, ताकि भविष्य की परियोजनाओं के लिए प्रौद्योगिकियों में निपुणता प्राप्त की जा सके।
इसरो ने पिछले साल 30 दिसंबर को ‘स्पैडेक्स’ मिशन की शुरुआत की थी। तब इसरो ने अंतरिक्ष में दो उपग्रहों को आपस में जोड़ने (डॉकिंग) के प्रयोग को प्रदर्शित करने के लिए दो उपग्रहों - एसडीएक्स01 और एसडीएक्स02 को कक्षा में स्थापित किया था। कई कोशिशों के बाद इसरो ने 16 जनवरी 2025 को यह सफलता प्राप्त की थी। इसरो के अध्यक्ष वी नारायणन ने यहां राष्ट्रीय विज्ञान दिवस समारोह से इतर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘फिलहाल एकीकृत उपग्रह अण्डाकार कक्षा में है। इसलिए हमें विभिन्न प्रयोगों के लिए हर दो महीने में एक बार 10-15 दिन का समय मिलता है।’’
इसरो चीफ नारायणन ने बताया प्लान
उन्होंने कहा कि ‘स्पैडेक्स’ उपग्रहों पर प्रयोग करने का अवसर 15 मार्च से उपलब्ध होगा। नारायणन ने कहा, ‘‘फिलहाल हम उपग्रहों को अलग करने और उन्हें पुनः डॉक करने के लिए ‘सिमुलेशन’ प्रयोग कर रहे हैं। हमने एक योजना तैयार कर ली है और 15 मार्च से वास्तविक प्रयोग शुरू करेंगे।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम कई प्रयोग करना चाहते हैं... हमारे पास तीसरे स्लॉट के लिए भी प्रयोग की योजना है जो दो महीने बाद उपलब्ध होगा।’’ नारायण ने बताया कि ‘स्पैडेक्स’ मिशन कई भावी परियोजनाओं के लिए अहम है, जैसे कि चंद्रयान-4 और भारत अंतरिक्ष स्टेशन का निर्माण जिसमें ‘डॉकिंग’ प्रौद्योगिकियों का उपयोग शामिल होगा।
(PTI की खबर में सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया गया है)
Published By : Dalchand Kumar
पब्लिश्ड 28 February 2025 at 17:12 IST