अपडेटेड 20 August 2024 at 16:23 IST
बचपन से दर्द सह रहीं विनेश फोगाट, 9 साल की उम्र में सबसे बड़ा आघात, पिता की दिनदहाड़े हुई थी हत्या
विनेश ने अपने जीवन में इससे भी बड़े दुख-दर्द झेले हैं। विनेश को पहला झटका 9 साल की उम्र में लगा था जब उनके पिता की दिनदहाते गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
Vinesh Phogat: पेरिस ओलंपिक के फाइनल मुकाबले में जब 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से विनेश फोगाट को डिस्क्वालिफाई कर दिया गया तो उस वक्त सारे भारतवासियों को 100 ग्राम वजन का बोझ समझ आया। विनेश के लिए तो ये काफी बड़ा झटका था। जहां वो एक दिन पहले ओलंपिक खेलों के सेमीफाइनल तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला पहलावन थी तो रात भर में उनका ये सपना चकनाचूर हो गया।
विनेश के जीवन का ये पहला आघात नहीं था। विनेश ने अपने जीवन में इससे भी बड़े दुख-दर्द झेले हैं। विनेश को पहला झटका 9 साल की उम्र में लगा था जब उनके पिता की दिनदहाते गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
महावीर फोगाट ने सिखाई कुश्ती
विनेश का जन्म 25 अगस्त 1994 को चरखी दादरी हरियाणा में हुआ। विनेश के पिता का नाम राजपाल फोगाट और माता का नाम प्रेमलता फोगाट है। विनेश के परिवार में ज्यादात्तर लोग कुश्ती में ही अपना करियर बना रहे हैं और देश का नाम रोशन कर रहे हैं। आज विनेश को कुश्ती के जरिए देश-विदेश में पहचान मिली, सब कुछ मिला लेकिन कोई विनेश से पूछे कि उनके लिए ये सफर कितना कठिन था।
घर के सामने पिता की गोली मारकर की हत्या
विनेश और उनकी बहनों को रेसलिंग के गुर महावीर फोगाट ने सिखाए। महावीर फोगाट ने जब महिला पहलवानों को कुश्ती सिखाना शुरु किया तो उन्हें गांववालों का विरोध सहना पड़ा था लेकिन बाद में फिर सबने उनके इस काम की सराहना करना शुरु कर दिया। विनेश को अपने जीवन का सबसे बड़ा झटका महज 9 साल की उम्र में झेलना पड़ा जब उनके पिता की अपने ही घर के सामने गोली मारकर हत्या कर दी गई। विनेश के पिता की हत्या उनके परिवार के ही एक रिश्तेदार ने की थी और इसके बाद विनेश के जीवन का असली संघर्ष शुरू हुआ जिसका उन्होंने डटकर सामना किया और अपने जीवन में सफल हुईं।
तीसरी बार टूटा विनेश का सपना
पेरिस ओलंपिक में ये पहला मौका नहीं है जब विनेश फोगाट को ओलंपिक में झटका लगा हो। इससे पहले 2016 में रियो ओलंपिक्स में जब विनेश ने डेब्यू किया था तो क्वार्टर फाइनल मुकाबले में घुटने की चोट के कारण उनकी मेडल जीतने की उम्मीद टूट गई थी। इसके बाद टोक्यो ओलंपिक 2020 में वे 53 किलोग्राम वर्ग कुश्ती में हार गईं थी और पेरिस ओलंपिक 2024 में 100 ग्राम वजन ज्यादा होने की वजह से उन्हें फाइनल से पहले डिस्क्वालिफाई कर बिना मेडल के बाहर कर दिया गया।
Published By : Shubhamvada Pandey
पब्लिश्ड 20 August 2024 at 16:18 IST