अपडेटेड 11 February 2025 at 18:14 IST

ग्रैंडमास्टर, अंतरराष्ट्रीय मास्टर बनने पर नकद पुरस्कार समाप्त करना आदर्श नहीं: एरिगेसी

भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगेसी का मानना ​​है कि ग्रैंडमास्टर और अंतरराष्ट्रीय मास्टर बनने पर नकद पुरस्कार बंद करने का सरकार का हालिया फैसला शतरंज खिलाड़ियों के माता-पिता के लिए ‘आदर्श नहीं’ है क्योंकि इस तरह के प्रोत्साहन से उन पर वित्तीय बोझ कम होता है।

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Arjun Erigaisi | Image: Chessbase India

भारतीय ग्रैंडमास्टर अर्जुन एरिगेसी का मानना ​​है कि ग्रैंडमास्टर और अंतरराष्ट्रीय मास्टर बनने पर नकद पुरस्कार बंद करने का सरकार का हालिया फैसला शतरंज खिलाड़ियों के माता-पिता के लिए ‘आदर्श नहीं’ है क्योंकि इस तरह के प्रोत्साहन से उन पर वित्तीय बोझ कम होता है।

इस महीने से खेल मंत्रालय ने शतरंज खिलाड़ियों के लिए पुरस्कार प्रणाली समाप्त कर दी है जिन्हें पहले ग्रैंडमास्टर बनने पर चार लाख रुपये और अंतरराष्ट्रीय मास्टर या अंतरराष्ट्रीय महिला मास्टर (आईडब्ल्यूएम) बनने पर डेढ़ लाख रुपये मिलते थे। पुरस्कार राशि अब केवल विश्व स्तरीय प्रतियोगिता जीतने पर ही दी जाएगी।

एरिगेसी ने ‘पीटीआई’ से कहा, ‘‘अगर वास्तव में इसे बंद कर दिया गया है तो यह निश्चित रूप से ऐसा कुछ नहीं है जो बहुत से युवा बच्चों को हतोत्साहित करेगा क्योंकि उन्हें पैसों की परवाह नहीं है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन यह माता-पिता के लिए शायद (हताशा भरा) है। जब उन्हें कुछ वित्तीय निर्णय लेने होंगे तो ग्रैंडमास्टर बनने के बाद क्या होगा, यह एक सवाल है।’’

एरिगेसी ने कहा, ‘‘अगर इस तरह की कुछ प्रेरणा है तो इस बात की अधिक संभावना है कि वे अपने बच्चों को प्रोत्साहित करेंगे, अगर उन्हें शतरंज और पढ़ाई के बीच कोई निर्णय लेना पड़े तो। यह कोई आदर्श चीज नहीं है।’’ वर्ष 2024 में शानदार प्रदर्शन करते हुए विश्वनाथन आनंद के बाद 2800 ईएलओ रेटिंग हासिल करने वाले दूसरे भारतीय बनने और पुरुषों का ओलंपियाड स्वर्ण पदक जीतने के बाद वारंगल के 21 वर्षीय एरिगेसी के लिए 2025 की शुरुआत अच्छी नहीं रही और वह हाल ही में संपन्न टाटा स्टील शतरंज टूर्नामेंट में 10वें स्थान पर रहे।

एरिगेसी ने कहा, ‘‘यह एक बहुत अच्छा साल था और जिस तरह से चीजें हुईं उससे मैं खुश हूं। इस साल की शुरुआत अच्छी नहीं रही है लेकिन मुझे आने वाले महीनों में बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है।’’ एरिगेसी के हाल के खराब प्रदर्शन में एक कारक जोखिम लेने की उनकी प्रवृत्ति भी है, एक ऐसी शैली जिसने उन्हें सफलता भी दिलाई है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं बहुत अधिक जोखिम ले रहा था और मुझे सावधान रहना चाहिए। मैं इसे कम करूंगा लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं जोखिम नहीं लूंगा बल्कि मैं उन्हें कम जल्दबाजी में लूंगा क्योंकि मेरे कुछ जोखिम बहुत ही जल्दबाजी में थे जिसकी सजा मुझे मिली। इसलिए मैं जोखिम तो लूंगा लेकिन अधिक संतुलित तरीके से।’’ एरगेसी ने खराब नतीजे के बावजूद टाटा स्टील शतरंज में मौजूदा विश्व चैंपियन डी गुकेश को हराया। गुकेश के खिलाफ उनकी जीत ने आर प्रज्ञानानंदा को समीकरण में ला दिया जिन्होंने अंततः टूर्नामेंट जीत लिया।

प्रज्ञानानंदा ने बाद में मजाक में कहा कि वह एरगेसी के लिए एक उपहार लाएंगे और अपने वादे के मुताबिक वह उनके लिए उनके पसंदीदा चिप्स लेकर आए। एरिगेसी ने टाटा स्टील शतरंज के दौरान 10 दिन में 29 रेटिंग अंक गंवाए लेकिन यह युवा खिलाड़ी अपनी घटती रेटिंग से परेशान नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे रेटिंग अंक की ज्यादा परवाह नहीं है, यह मुख्य रूप से कैंडिडेट्स के लिए क्वालीफाई करने की कोशिश करने के बारे में है। और निश्चित रूप से कोई भी रेटिंग अंक खोना पसंद नहीं करता है।’’

इक्कीस वर्षीय एरिगेसी नॉर्वे शतरंज टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए उत्सुक है क्योंकि इससे उन्हें पांच बार के विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन और दुनिया के दूसरे और तीसरे नंबर के खिलाड़ी क्रमश: फाबियानो करुआना और हिकारू नाकामुरा जैसे खिलाड़ियों के साथ क्लासिकल प्रारूप में खेलने का मौका मिलेगा।

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Published By : Shubhamvada Pandey

पब्लिश्ड 11 February 2025 at 18:14 IST