अपडेटेड 30 July 2024 at 13:43 IST
कितनी संपत्ति की मालकिन हैं मनु भाकर? सरकार ने खर्च किए इतने करोड़, ब्रॉन्ज मेडल जीतकर बनीं नई सनसनी
टोक्यो ओलंपिक में मनु भाकर की पिस्टल ने उनको धोखा दे दिया था, लेकिन इस बार मनु ने कोई कसर नहीं छोड़ी और भारत की झोली में पहला मेडल डाल दिया।
Manu Bhaker Networth: पेरिस ओलंपिक में 10 मीटर शूटिंग पिस्टल में मनु भाकर ने रविवार को ब्रॉन्ज मेडल जीतकर इतिहास रच दिया। पहली बार ओलंपिक में भारत की किसी महिला शूटर ने मेडल अपने नाम किया। मनु भाकर के इस मेडल से भारत का पेरिस ओलंपिक में मेडल का खाता खुला।
22 साल की मनु भाकर ने जिस वक्त ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया पूरा देश खुशी से झूम उठा। टोक्यो ओलंपिक में मनु भाकर की पिस्टल ने उनको धोखा दे दिया था। जिसके बाद मनु को टोक्यो से आंसू और बिना मेडल के भारत लौटना पड़ा था लेकिन इस बार मनु ने कोई कसर नहीं छोड़ी और भारत की झोली में पहला मेडल डाल दिया। मनु के ब्रॉन्ज मेडल जीतने के बाद से फैंस उनसे जुड़ी हर छोटी बात जानने के लिए बेचैन हो रहे हैं।
मनु भाकर की नेटवर्थ
मनु का नेटवर्थ की बात की जाए तो मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक ये करीब 12 करोड़ रुपये है। इसमें उनकी प्रतियोगिताओं से कमाई के साथ ही विज्ञापन और अन्य चीजें भी शामिल हैं। मनु ने 2018 में यूथ ओलंपिक में गोल्ड जीता था। इसके बाद हरियाणा सरकार ने उन्हें दो करोड़ रुपये देने की घोषणा की थी। मनु भाकर ने सोशल मीडिया पर इन वादों को 'जुमला' कहा था। मनु के मेडल जीतने के बाद यह ट्वीट काफी वायरल हुआ।
कॉमनवेल्थ गेम्स में भी जीत चुकी हैं मेडल
युवा निशानेबाज मनु भाकर ने छोटी उम्र में ही खेलों की दुनिया में बड़ा मुकाम हासिल कर लिया है। 2018 से ही वो इंटरनेशनल लेवल पर भारत के लिए मेडल जीत रही हैं। मनु आईएसएसएफ वर्ल्ड कप के अलावा कॉमनवेल्थ गेम्स में भी मेडल जीत चुकी हैं। मनु भारत में शूटिंग की पोस्टर गर्ल हैं। उनकी लोकप्रियता उनके सोशल मीडिया पर भी खूब है। उनके इंस्टाग्राम पर 2 लाख तो एक्स पर डेढ़ लाख फॉलोअर हैं।
भारत सरकार ने मनु पर कितने रूपए खर्च किए?
मनु भाकर को ओजी क्यू स्पॉन्सर करता है। कंपनी मनु की ट्रेनिंग से लेकर उनके टूर्नामेंट की ट्रेनिंग का खर्चा भी उठाता है। मनु भारतीय सरकार की टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम का भी हिस्सा हैं। इसके तहत मनु पर पेरिस ओलंपिक के लिए 1.68 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। यह पैसा उनकी पिस्टल की सर्विसिंग, एयर पेलेट्स और गोलियों पर खर्च किया गया है। इसके अलावा जर्मनी में निजी कोच के साथ ट्रेनिंग के लिए भी पैसा दिया गया था।
Published By : Shubhamvada Pandey
पब्लिश्ड 29 July 2024 at 20:44 IST