अपडेटेड 16 December 2025 at 21:43 IST
IPL Auction : Cameron Green को KKR ने 25.2 करोड़ में खरीदा, लेकिन सैलरी मिलेगी सिर्फ 18 करोड़, आखिर क्यों?
IPL 2026 की नीलामी में ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन को कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने 25.20 करोड़ रुपये में खरीदा। इसके साथ ही वह लीग के इतिहास में तीसरे सबसे महंगे खिलाड़ी और प्रतियोगिता के इतिहास में सबसे महंगे विदेशी खिलाड़ी बन गए। शुरुआत में राजस्थान रॉयल्स और केकेआर के बीच बोली लगाने की होड़ मच गई थी।
IPL 2026 Auction : अबू धाबी में 16 दिसंबर, 2025 को हुई IPL 2026 की नीलामी में ऑस्ट्रेलियाई ऑलराउंडर कैमरून ग्रीन ने सुर्खियां बटोरीं। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) ने उन्हें 25.20 करोड़ रुपये में खरीदकर IPL इतिहास का सबसे महंगा विदेशी खिलाड़ी बना दिया। यह बोली राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) के बीच तगड़ी टक्कर के बाद KKR के नाम रही। लेकिन हैरानी की बात यह है कि इतनी बड़ी बोली के बावजूद ग्रीन को IPL 2026 सीजन में सिर्फ 18 करोड़ रुपये ही मिलेंगे। आखिर क्यों?
राजस्थान रॉयल्स ने लगभग 13 करोड़ रुपये की बोली पर बोली लगाने से इनकार कर दिया, जबकि चेन्नई सुपर किंग्स ने बोली में शामिल होकर कीमत को 20 करोड़ रुपये से काफी ऊपर पहुंचा दिया। CSK ने 25 करोड़ रुपये की बोली लगाई, जिसके बाद KKR ने 25.20 करोड़ रुपये की बोली लगाकर कैमरून ग्रीन को अपनी टीम में कर लिया।
कैमरन ग्रीन का IPL रिकॉर्ड
कैमरून ग्रीन ने 21 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 32.56 के औसत और 160.30 के स्ट्राइक रेट से 521 रन बनाए हैं, जिनमें छह अर्धशतक शामिल हैं। उन्होंने 23.35 के औसत से 12 विकेट भी लिए हैं। ग्रीन ने IPL में मुंबई इंडियंस (2023) और रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (2024) के लिए खेला है। 29 मैचों में उन्होंने 41.58 की औसत से 707 रन बनाए और स्ट्राइक रेट 153+ रहा। IPL में 16 विकेट भी उनके नाम हैं। पिछले सीजन वे चोट के कारण नहीं खेल सके थे।
क्यों मिलेंगे 18 करोड़ रुपये?
कैमरून ग्रीन के लिए बोली भले ही 25.2 करोड़ रुपये की थी, लेकिन ग्रीन IPL 2026 सीजन में केवल 18 करोड़ रुपये ही कमा सकते हैं। दरअसल, IPL ने पिछले साल एक नया नियम लागू किया था, जिसे मैक्सिमम फी (Maximum Fee) रूल कहा जाता है। इस नियम का मकसद विदेशी खिलाड़ियों को मिनी नीलामी में ज्यादा पैसे कमाने से रोकना था, क्योंकि पहले कई ओवरसीज प्लेयर मेगा नीलामी छोड़कर मिनी नीलामी में एंट्री लेते थे, जहां डिमांड ज्यादा होने से कीमतें आसमान छू लेती थीं।
इस नियम के अनुसार, मिनी नीलामी में किसी विदेशी खिलाड़ी की सैलरी पिछले मेगा नीलामी की सबसे ऊंची रिटेंशन स्लैब से ज्यादा नहीं हो सकती। अगर बोली 18 करोड़ से ऊपर जाती है, तो अतिरिक्त राशि खिलाड़ी को नहीं मिलती। यह पैसा BCCI के प्लेयर वेलफेयर फंड में जाता है, जो खिलाड़ियों की भलाई, मेडिकल सपोर्ट और रिटायर्ड क्रिकेटर्स की मदद के लिए इस्तेमाल होता है। फ्रेंचाइजी को पूरी बोली की रकम अपने पर्स से देनी पड़ती है, यानी KKR का पर्स 25.20 करोड़ रुपये कम हो जाएगा, लेकिन ग्रीन की सैलरी सिर्फ 18 करोड़ रहेगी।
यह नियम इसलिए लाया गया ताकि कोई विदेशी खिलाड़ी भारतीय खिलाड़ियों की रिटेंशन स्लैब से ज्यादा न कमा सके। भारतीय खिलाड़ियों पर यह कैप नहीं लगता। यह नियम सिर्फ विदेशी खिलाड़ियों पर लागू होता है, जिससे भारतीय टैलेंट को प्राथमिकता मिलती है। यह नियम IPL को ज्यादा संतुलित बनाने की कोशिश है, लेकिन विदेशी फैंस में इसकी आलोचना भी होती है। ग्रीन की बोली IPL में विदेशी खिलाड़ी की सबसे महंगी खरीद बन गई।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 16 December 2025 at 21:43 IST