अपडेटेड 13 January 2024 at 16:38 IST

22 जनवरी को अयोध्या जाएंगे सचिन तेंदुलकर, राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का मिला न्योता

Ayodhya News: क्रिकेट के 'भगवान' कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को भी प्राण प्रतिष्ठा का न्योता मिल गया है।

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सचिन तेंदुलकर को प्राण प्रतिष्ठा का न्योता मिला | Image: ANI

Ayodhya News: क्रिकेट के 'भगवान' कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को भी प्राण प्रतिष्ठा का न्योता मिल गया है। आपको बता दें कि उद्योगपति मुकेश अंबानी, फिल्म स्टार अमिताभ बच्चन, रतन टाटा जैसे देशभर के कई हाई प्रोफाइल नामों को इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। स्टार भारतीय क्रिकेटर रोहित शर्मा भी इस लिस्ट में शामिल हैं।

स्टोरी की खास बातें

  • सचिन तेंदुलकर को मिला प्राण प्रतिष्ठा का न्योता
  • अमिताभ और रोहित शर्मा भी लिस्ट में शामिल
  • रजनीकांत को भी दिया गया है निमंत्रण

साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार को भी न्योता

साउथ फिल्म इंडस्ट्री के सुपरस्टार रजनीकांत को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में होने वाले राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है। रजनीकांत को ये निमंत्रण अयोध्या राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से भारतीय जनता पार्टी नेता अर्जुनमूर्ति द्वारा दिया गया है।

अर्जुनमूर्ति ने अपनी एक तस्वीर रजनीकांत और अन्य लोगों के साथ एक्स पर साझा की है, जिसके कैप्शन में उन्होंने लिखा- 'ये मुलाकात मेरी जिंदगी  का सबसे अच्छा अनुभव था। अपने प्रिय नेता रजनीकांत के आवास पर जाकर और उन्हें और उनके परिवार को 22 जनवरी को अयोध्या कुंभाभिषेक के लिए राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से आमंत्रित करके बहुत खुशी हुई।'

PM मोदी को भगवान राम ने चुनाः आडवाणी

लालकृष्ण आडवाणी ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा से पहले बड़ी बात कही है। देश के पूर्व डिप्टी पीएम ने कहा है  कि मोदी को भगवान राम ने चुना, वे सिर्फ सारथी मात्र थे। उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उन्हें काफी शुरुआत में ही इस बात का एहसास हो गया था कि राम आंदोलन में वे तो सिर्फ एक सारथी थे।

1992 में श्री राम जन्म भूमि को लेकर भाजपा की रथ यात्रा कई शहरों से होती हुई अयोध्या पहुंची थी। उन पलों को भी आडवाणी ने याद किया है। आडवाणी ने  जब इसे शुरू किया गया था, किसी को नहीं पता था कि ये एक जन आंदोलन बन जाएगा। आडवाणी ने उस यात्रा के दौरान पीएम मोदी की भूमिका को भी याद किया। उनका मानना है कि उस समय तो मोदी सिर्फ उनके एक सहायक थे। तब वे ज्यादा लोकप्रिय भी नहीं थे, लेकिन लगता है कि राम ने अपने अनन्य भक्त को उसी समय मंदिर जीर्णोद्धार के लिए चुन लिया था।

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Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 13 January 2024 at 16:04 IST