अपडेटेड 7 October 2024 at 16:25 IST
कन्नौज टू मुंबई: क्रिकेटर बनने के लिए ऑटो भी चलाया... टीम इंडिया में एंट्री के लिए नया टैलेंट तैयार!
ईरानी कप में मुंबई की ओर से एक तेज गेंदबाज का डेब्यू देखकर उसके भविष्य में टीम में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है। ये गेंदबाज कोई और नहीं बल्कि जुनैद खान है
Mohammad Juned khan, Irani Cup: 27 साल बाद मुंबई की टीम ने इस बार ईरानी कप का खिताब अपने नाम किया। फाइनल मुकाबले में रेस्ट ऑफ इंडिया को हराकर मुंबई ने 15वीं बार ईरानी कप का खिताब अपने नाम किया था। ईरानी कप 2024 में मुंबई की ओर से एक तेज गेंदबाज का डेब्यू देखकर उसके भविष्य में टीम में शामिल होने की आशंका जताई जा रही है।
ये डेब्यू करने वाला तेज गेंदबाज कोई और नहीं बल्कि जुनैद खान है। कन्नौज के रहने वाले जुनैद खान का क्रिकेट का सफर काफी संघर्षपूर्ण रहा है। क्रिकेट का सपना आंखो में लिए जुनैद खान कन्नौज से मुंबई पहुंचे थे लेकिन उनके इस सपने को पूरा होने में कई तरह की रुकावटें आईं।
घर चलाने के लिए 13 साल की उम्र में चलाया ऑटो
द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक जुनैद जब मुंबई आए थे तो वे महज 13 साल के थे। मुंबई में आकर जुनैद को काम की तलाश में पहले ऑटो रिक्शा तक चलाना पड़ा था। रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया कि जुनैद नाबालिक थे इसके बावजूद उन्होंने ऑटो चलाकर अपने परिवार का गुजारा भत्ता किया।
संजीवनी एकेडमी से हुई जुनैद के क्रिकेट करियर की शुरुआत
ऑटो रिक्शा चलाने के सिलसिले में ही वो एक बार संजीवनी क्रिकेट एकेडमी पहुंच गए। जिसे मुंबई के पूर्व विकेटकीपर मनीष बंगेरा चलाते थे। जो उनके घर के करीब ही था। जुनैद कन्नौज में टेनिस बॉल क्रिकेट भी खेलते थे। ऐसे में जब वे संजीवनी क्रिकेट एकेडमी में खेलने के लिए पहुंचे तो बंगेरा ने उन्हें गेंदबाजी करते हुए देखा। बंगेरा जुनैद की गेंदबाजी कला से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने जुनैद को प्रैक्टिस के लिए बुलाया।
आज मैं जो भी हूं अभिषेक नायर की वजह से हूं: जुनैद
इसके बाद जुनैद वहां हर रोज आकर गेंदबाजी की प्रैक्टिस किया करते थे। लॉकडाउन के दौरान, भारत के सहायक कोच अभिषेक नायर ने जुनैद की प्रतिभा को पहचाना। द हिंदू को दिए इंटरव्यू में जुनैद ने कहा कि, "अभिषेक नायर ने मेरी काफी मदद की। आज मैं जो कुछ भी हूं उनकी वजह से ही हूं। अगर वे नहीं होते, तो मैं आज जिस मुकाम पर हूं, वहां नहीं होता। उन्होंने ही मुझे ऑटोरिक्शा चलाना बंद करने और अपना सारा समय क्रिकेट को देने के लिए कहा। फिर मैंने उनकी अकादमी में ट्रेनिंग लेना शुरू कर दिया। उन्होंने मुझे पिछले आईपीएल सीजन के लिए केकेआर का नेट बॉलर बनाया था।"
इसके बाद जुनैद के करियर में टर्निंग मोड़ उस समय आया जब वो स्थानीय टूर्नामेंट में पीजे हिंदू जिमखाना का प्रतिनिधित्व करते हुए सभी को प्रभावित करने में सफल रहे थे। जुनैद को संजय पाटिल की अध्यक्षता वाली चयन समिति ने बुची बाबू और केएससीए टूर्नामेंट के लिए चुना गया। इन टूर्नामेंट में जुनैद ने अपनी गेंदबाजी से प्रभावित किया था। इन टूर्नामेंट में अच्छा खेल दिखाने के बाद आखिर में उन्हें ईरानी कप में मुंबई के लिए डेब्यू करने का मौका मिला।
ईरानी कप में मोहम्मद जुनैद का क्रिकेट करियर
हालांकि मोहम्मद जुनैद खान ने अभी तक सिर्फ एक ही फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेला है। वो भी ईरानी कप के फाइनल में रेस्ट ऑफ इंडिया के खिलाफ मुंबई की ओर से। अपने डेब्यू मैच में जुनैद खान ने विरोधी टीम के कप्तान ऋतुराज गायकवाड़ को आउट करने में सफलता हासिल की। जुनैद का गेंदबाजी करियर देख फैंस के मन में एक नई उम्मीद जाग गई है। अब देखना ये होगा कि उन्हें घरेलू क्रिकेट खेलने के लिए कितने मौके मिलते हैं?
Published By : Shubhamvada Pandey
पब्लिश्ड 7 October 2024 at 16:25 IST