अपडेटेड 3 November 2025 at 18:59 IST
INDW Vs SAW: फैंस की बढ़ गई धड़कनें... फिर दीप्ति शर्मा की 1 गेंद पर अमनजोत ने दिखाई चीते की फुर्ती, 42वां ओवर कैसे बना टर्निंग प्वाइंट?
IND W vs SA W Final Turning Point: लौरा के विकेट ने नवी मुंबई के डॉ. डीवाई पाटिल क्रिकेट स्टेडियम में भारतीय दर्शकों को झूमने के साथ उत्साहित कर दिया। इस विकेट के गिरते ही उम्मीद काफी पक्की हो गई कि अब तो विश्व कप भारत का ही है। 42वें ओवर की चौथी गेंद पर दीप्ति ने एक और विकेट लिया। यह विकेट क्लो ट्रायोन का था।
IND W vs SA W Final Turning Point: रविवार 2 नवंबर का दिन भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए ऐतिहासिक दिन रहा। इस दिन कप्तान हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने नवी मुंबई के डॉ. डीवाई पाटिल क्रिकेट स्टेडियम में इतिहास रच दिया।
टीम इंडिया आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप के फाइनल में साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार विश्व चैंपियन बनीं। हालांकि, एक समय ऐसा था जब आशंका हुई कि भारत से जीत दूर जा रहा है और फैंस की धड़कने काफी बढ़ गई थी। इसकी सबसे बड़ी वजह साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट की ताबड़तोड़ शतकीय बल्लेबाजी थी। इस मुकाबले को देख रहे लोग यही बोल रहे थे कि जब तक लौरा पिच पर डटीं हुईं हैं, तब तक यह कहना मुश्किल है कि साउथ अफ्रीका नहीं जीत सकती, लेकिन यहां हम उस टर्निंग पॉइंट/प्वाइंट की बात करने जा रहे हैं, जिसकी वजह से भारतीय टीम ने न सिर्फ शानदार खेला ही बल्कि विश्व कप के इस फाइनल मुकाबले को जीतकर इतिहास भी रचा।
भारत ने साउथ अफ्रीका को दिया 299 रनों का टारगेट
रविवार को बारिश के कारण भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच महिला विश्व कप का फाइनल मुकाबला करीब 2 घंटे लेट से शुरू हुआ था। साउथ अफ्रीका ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी के लिए भारत को बुलाया। टीम इंडिया की ओर से शेफाली वर्मा ने सबसे अधिक 87 रनों की आतिशी पारी खेली। उन्होंने 78 गेंदों में 7 चौके और 2 छक्कों की मदद से 87 रन बनाया।
भारत की ओर से दूसरी सबसे अधिक रनों की पारी खेलने वाली दीप्ति शर्मा रहीं। उन्होंने 58 गेंदों में तीन चौकों और एक छक्के की मदद से 58 रन बनाया। कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 20 रनों की पारी खेली, वहीं, स्मृति मंधाना ने 45 रन बनाईं। टीम इंडिया ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 50 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 298 रन बनाए और दक्षिण अफ्रीका को 299 रन का टारगेट दिया।
42वें ओवर में इस कैच ने बदल दिया मैच
साउथ अफ्रीका की ओर से ओपनिंग करने उतरीं कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट 40 ओवर के बाद भी टिकी रहीं। इनकी धुआंधार बल्लेबाजी ने भारतीय टीम के साथ फैंस को भी डर के माहौल में रख दिया था। लौरा वोल्वार्ड्ट धीमी शुरुआत करते हुए पिच पर टिकने के बाद भारतीय गेंदबाजों के लिए घातक साबित होने लगीं।
कप्तान हरमनप्रीत कौर लौरा को रोकने के लिए लगातार कोशिश करती हुई नजर भी आईं, लेकिन बात बन नहीं पा रही थी। हालांकि, एक ऐसा टर्निंग पॉइंट आया, जिसने केवल साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा को ही नहीं रोका बल्कि भारत की ओर जीत के मुंह को भी मोड़ दिया।
हम यहां बात कर रहे हैं दीप्ति शर्मा के द्वारा कराए गए 42वें ओवर की। जी हां, साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट शतक बनाकर खेल रही थीं। एक छोर पर जहां उनकी टीम का धड़ाधड़ विकेट गिर रहा था, वहीं दूसरे छोर पर वह ताबड़तोड़ बल्लेबाजी करके टिकी हुईं थीं। तभी 42वें ओवर को कराने के लिए कप्तान हरनमप्रीत ने दीप्ति शर्मा को बुलाया। दीप्ति ने पहले ही गेंद पर ऐसा कर दिखाया कि यह मैच का असल में टर्निंग पॉइंट बन गया।
42वें ओवर कराने आईं दीप्ति शर्मा ने पहली ही गेंद में साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट को कैच आउट कर दिया। 98 गेंदों में 101 रन बनाकर खेल रहीं साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा ने दीप्ति की गेंद पर शॉर्ट मारा जिसे मिड विकेट पर अमनजोत कौर ने लपक लिया। अमनजोत ने न सिर्फ कैच लपका बल्कि साउथ अफ्रीका के मुंह से जीत को भी भारत के लिए लपक लिया।
लौरा के विकेट ने नवी मुंबई के डॉ. डीवाई पाटिल क्रिकेट स्टेडियम में भारतीय दर्शकों को झूमने के साथ उत्साहित कर दिया। इस विकेट के गिरते ही उम्मीद काफी पक्की हो गई कि अब तो विश्व कप भारत का ही है। 42वें ओवर की चौथी गेंद पर दीप्ति ने एक और विकेट लिया। यह विकेट क्लो ट्रायोन का था।
Deepti Sharma बनीं प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट
ऐसा नहीं है कि केवल विश्व कप के फाइनल में ही दीप्ति ने शानदार खेला। उन्होंने पूरे इस टूर्नामेंट में गेंद के साथ बल्ले से भी धमाल मचाया। फाइनल के मुकाबले में दीप्ति ने टीम इंडिया के लिए 58 गेंदों में 58 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली। इतना ही नहीं उन्होंने इस मुकाबले में भारत की ओर से सबसे अधिक 5 विकेट लिया, जिसमें साउथ अफ्रीका की कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट का भी विकेट शामिल है।
इस विश्व कप के टूर्नामेंट में दीप्ति ने कुल 215 रन बनाएं और 22 विकेट लिया। इस वजह से वह इस विश्व कप में प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट बनीं।
शेफाली ने बल्ले के साथ गेंद से भी ढाहा कहर और बन गईं प्लेयर ऑफ द मैच
भारत की ओर से इस फाइनल के मुकाबले में शेफाली वर्मा ने 78 गेंदों में 87 रनों की ऐतिहासिक पारी खेली। इतना ही नहीं उन्होंने अपनी गेंदबाजी से भी कहर ढाते हुए दो विकेट भी झपटे। शेफाली को इस शानदार खेल के लिए फाइनल के इस मुकाबले में प्लेयर ऑफ द मैच का अवॉर्ड दिया गया।
ICC Women’s ODI World Cup champions: 1973 से 2025 तक के विजेता
- 1973: इंग्लैंड
- 1978: ऑस्ट्रेलिया
- 1982: ऑस्ट्रेलिया
- 1988: ऑस्ट्रेलिया
- 1993: इंग्लैंड
- 1997: ऑस्ट्रेलिया
- 2000: न्यूज़ीलैंड
- 2005: ऑस्ट्रेलिया
- 2009: इंग्लैंड
- 2013: ऑस्ट्रेलिया
- 2017: इंग्लैंड
- 2022: ऑस्ट्रेलिया
- 2025: भारत
Team India Women's playing 11: विश्व कप फाइनल के लिए भारतीय टीम
हरमनप्रीत कौर (कप्तान), शैफाली वर्मा, स्मृति मंधाना, जेमिमा रोड्रिग्स, दीप्ति शर्मा, ऋचा घोष (विकेट कीपर), अमनजोत कौर, राधा यादव, क्रांति गौड़, श्री चरणी और रेणुका सिंह।
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Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 3 November 2025 at 18:48 IST