अपडेटेड 20 March 2025 at 21:25 IST
आईपीएल के 17 सत्र में अंपायर रहे अनिल चौधरी अब करेंगे कमेंट्री
अनिल चौधरी ने आईपीएल के पिछले 17 सत्र में अंपायर की भूमिका निभाई थी लेकिन पिछले सप्ताह 60 वर्ष के होने के बाद अब वह इस सत्र में कमेंटेटर की भूमिका में नजर आएंगे।इस तरह से यह उनका अंपायरिंग से संन्यास लेने का संकेत है।
IPL 2025: अनिल चौधरी ने आईपीएल के पिछले 17 सत्र में अंपायर की भूमिका निभाई थी लेकिन पिछले सप्ताह 60 वर्ष के होने के बाद अब वह इस सत्र में कमेंटेटर की भूमिका में नजर आएंगे। इस तरह से यह उनका अंपायरिंग से संन्यास लेने का संकेत है। चौधरी का विदाई मैच पिछले महीने नागपुर में केरल और विदर्भ के बीच रणजी ट्रॉफी फाइनल था।
अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में उन्होंने आखिरी बार सितंबर 2023 में अंपायरिंग की थी। उन्होंने कुल मिलाकर 12 टेस्ट, 49 वनडे और 64 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में अंपायरिंग की। संन्यास करीब होने के कारण चौधरी ने अपने भविष्य की योजना बनानी शुरू कर दी थी और उन्होंने क्षेत्रीय भाषा में कमेंट्री शुरू कर दी थी। वह 22 मार्च से शुरू होने वाले आईपीएल में हरियाणवी में कमेंट्री करेंगे और कभी-कभी हिंदी में भी हाथ आजमाएंगे।
चौधरी ने पीटीआई से कहा, ‘‘मैं पिछले तीन-चार महीनों से कमेंट्री कर रहा हूं। इसलिए, मैं पहले से ही बदलाव के दौर में था। मैं ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए अंपायरिंग और कमेंट्री भी सिखा रहा हूं।’’ चौधरी 2008 में आईपीएल के शुरू होने से ही इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में अंपायरिंग करते रहे हैं।
दिल्ली में रहने वाले चौधरी ने कहा, ‘‘ एक अंपायर के रूप में मैं एक सत्र में लगभग 15 मैच में अंपायरिंग करता था लेकिन यहां मुझे 50 से अधिक मैच में कमेंट्री करने का मौका मिलेगा। कमेंट्री करते हुए पूर्व क्रिकेटर खेल को अपने तरीके से देखते हैं और एक अंपायर होने के नाते मेरा खेल पर एक अलग दृष्टिकोण है। यह मजेदार है।’’ भारत ने विश्व क्रिकेट में अपना दबदबा बना रखा है लेकिन वह पिछले कई वर्षों से अच्छे अंपायर तैयार नहीं कर पाया।
चौधरी ने इसके कारणों के बारे में कहा, ‘‘हम मैदान पर बहुत तनाव लेते हैं। कभी-कभी, हमारे अंपायर ठीक से खाना नहीं खाते हैं। हम सिद्धांत पर बहुत अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं जबकि हमें व्यावहारिक कार्य पर अधिक ध्यान देना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ लोग तकनीकी पक्ष पर बहुत अधिक ध्यान देते हैं और हर समय नियमों का हवाला देते हैं, यह अंपायरिंग के लिए सबसे अच्छा तरीका नहीं है। जो अंपायर किताबी ज्ञान पर भरोसा करते हैं, वे खेल को नुकसान पहुंचा रहे हैं। हमें नियमों की भावना को समझने की जरूरत है। सिर्फ नियमों का सहारा लेने से आप आगे नहीं बढ़ सकते हैं।’’
Published By : Ritesh Kumar
पब्लिश्ड 20 March 2025 at 21:25 IST