अपडेटेड 22 September 2024 at 16:51 IST

पितृ पक्ष में क्यों कराया जाता है कौवों को भोजन? इस पौराणिक कथा से जुड़ी है वजह, जानें...

श्राद्ध 2024: पितृपक्ष के दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए कौवों को भोजन करनयाा जाता है, लेकिन क्या आप इसके पीछे की वजह जानते हैं? नहीं, तो चलिए जानते हैं।

पितृ पक्ष 2024 | Image: Freepik

श्राद्ध में क्यों कराया जाता है कौवों को भोजन: इन दिनों हिंदू धर्म में बेहद खास और महत्वपूर्णा माना जाने वाले पितृपक्ष चल रहा है। इस दौरान लोग पितरों की आत्मा की शांति के लिए उनका पिंडदान, तर्पण और श्राद्ध कर्म करते हैं। वहीं आप ने देखा होगा कि श्राद्ध के दौरान लोग कौवों को भोजन कराते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसके पीछे की वजह क्या है, नहीं तो चलिए जानते हैं कि आखिरकार पितृपक्ष में कौवों को भोजन क्यों कराया जाता है?

धर्म शास्त्रों में जिस तरह से सभी चीजों के पीछे कोई न कोई वजह बताई गई है, ठीक उसी तरह से धार्मिक ग्रंथों में इसके बारे में भी बताया गया है कि आखिर पितृपक्ष में कौवों को भोजन क्यों कराया जाता है। ग्रंथों के मुताबिक यह पौराणिक कथा से जुड़ा हुआ है। तो चलिए इसके बारे में जानते हैं।

श्राद्ध में क्यों कराया जाता है कौवों को भोजन?

आम दिनों में कौवों का घर आना लोग अशुभ मानते हैं, लेकिन पितृ पक्ष के दौरान वहीं लोग इनका इंतजार करते हैं। दरअसल, इसके पीछे मान्यता है कि पितृ पक्ष के दिनों में पितरों के लिए निकाला गया भोजन अगर कौआ उसका अंश ग्रहण कर लेता है तो पितर तृप्त हो जाते हैं। कहा जाता है कि कौए के द्वारा खाया गया भोजन सीधे पितरों को प्राप्त होता है। इसलिए पितृ पक्ष के दौरान कौवों को भोजन कराना शुभ माना जाता है। इसके पीछे एक कहानी भी जुड़ी है।

कौवों से जुड़ी पौराणिक कथा?

पितृ पक्ष और कौवों के बीच के संबंध के पीछे एक पौराणिक कथा भी है। कथा के मुताबिक इन्द्र के पुत्र जयन्त ने ही सबसे पहले कौवे का रूप धारण किया था। यह कथा त्रेतायुग की है, जब भगवान श्रीराम ने अवतार लिया और जयंत ने कौए का रूप धारण कर माता सीता के पैर में चोंच मारा था। तब भगवान श्रीराम ने तिनके का बाण चलाकर जयंत की आंख फोड़ दी थी। जब उसने अपने किए की माफी मांगी, तब राम ने उसे यह वरदान दिया कि तुम्हें अर्पित किया भोजन पितरों को मिलेगा। तभी से श्राद्ध में कौवों को भोजन कराने की परंपरा चली आ रही है। यही कारण है कि श्राद्ध पक्ष में कौवों को ही पहले भोजन कराया जाता है।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 22 September 2024 at 16:51 IST