अपडेटेड 27 April 2025 at 08:34 IST
Vaishakh Amavasya 2025: वैशाख अमावस्या आज, जानिए स्नान-दान का मुहूर्त और पूजा विधि
Vaishakh Amavasya Muhurat: आइए जानते हैं कि वैशाख अमावस्या के मौके पर आप किस मुहूर्त में स्नान दान का कार्य कर सकते हैं।
Vaishakh Amavasya Muhurat aur Puja Vidhi: आज यानी रविवार, 27 अप्रैल को वैशाख अमावस्या मनाई जा रही है। इस दिन गंगा समेत पवित्र नदियों में स्नान करने की परंपरा है। वैशाख अमावस्या के दिन मुख्य रूप से भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। इस दिन पूजा-पाठ के साथ-साथ पिंडदान और पितरों का तर्पण समेत जरूरतमंदों को जरूरत की चीजें भी दान की जाती हैं।
वैशाख को माधव मास भी कहा जाता है। अगर आप भी आज के दिन किसी पवित्र नदी में स्नान कर भगवान विष्णु की पूजा करने जा रहे हैं तो आपको इसके सबसे उत्तम मुहूर्त के बारे में जान लेना चाहिए। उत्तम मुहूर्त में इन सभी कार्यों को करने का दोगुना फल मिलता है। तो चलिए बिना किसी देरी के जानते हैं आज के शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।
वैशाख अमावस्या का मुहूर्त (Vaishakh Amavasya 2025 Muhurat)
वैशाख अमावस्या तिथि 27 अप्रैल को सुबह 4 बजकर 50 मिनट से शुरू हो चुकी है। जिसका समापन 27 अप्रैल को ही देर रात 1 बजकर 01 मिनट पर होगा। ऐसे में इस दिन स्नान-दान और पूजा के लिए कई शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। आइए जानते हैं इस बारे में।
शुभ मुहूर्त
- ब्रह्म मुहूर्त: सुबह 04 बजकर 17 मिनट से 05 बजे तक।
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक।
- विजय मुहूर्त: दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक।
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 06 बजकर 48 मिनट से 07 बजकर 10 मिनट तक।
- निशिता मुहूर्त: रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक।
वैशाख अमावस्या पूजा विधि (Vaishakh Amavasya Puja Vidhi)
- वैशाख अमावस्या पर सुबह जल्दी उठकर किसी पवित्र नदी या घर के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करना आरंभ करें।
- घर में विष्णु भगवान की प्रतिमा को गंगाजल से स्नान कराएं।
- इसके बाद पीला चंदन और अक्षत लगाएं।
- घी का दीया जलाएं।
- विष्णुजी को पीले फूल और तुलसी के पत्ते चढ़ाएं।
- पंचमेवा, पंचामृत आदि का भोग लगाएं।
- विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र या विष्णु चालीसा का पाठ करें।
- विष्णु भगवान की आरती करें और पूजन के दौरान हुई गलतियों की क्षमा मांगें।
- अंत में परिवार के सभी सदस्यों में पंचामृत का प्रसाद वितरित करें।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 27 April 2025 at 08:34 IST