अपडेटेड 23 November 2025 at 14:47 IST

Somwar Stotra: सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा में करें इस स्तोत्र का पाठ, मिलेगा मनचाहा फल; बनेंगे विवाह के योग

सनातन धर्म में सोमवार का दिन भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित है। ऐसी मान्यता है कि सोमवार व्रत करने से जातक के विवाह में आ रही बाधा से छुटकारा मिलता है और जल्द विवाह के योग बनते हैं। साथ ही महादेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। सोमवार की पूजा में शिव रुद्राष्टकम स्तोत्र का पाठ जरूर करना चाहिए।

Somwar Stotra | Image: Freepik

Somwar Stotra: हिंदू धर्म में सोमवार का दिन भगवान भोलेनाथ को समर्पित है। इस दिन शिव जी की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति के जीवन में आ रही बाधाएं दूर हो सकती है। इतना ही नहीं, ऐसा कहा जाता है कि सोमवार के भोलेबाबा की पूजा से व्यक्ति का जीवन खुशहाल बना रहता है और वैवाहिक जीवन में आ रही सभी समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। शिव पुराण के अनुसार, सोमवार के दिन सच्चे मन से शिव जी की पूजा से व्यक्ति को मनचाहे फलों की प्राप्ति होती है। 

आपको बता दें, अगर आपकी कुंडली में चंद्रदोष या कालसर्प दोष है तो सोमवार के दिन भगवान शिव की पूजा से अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं। अब ऐसे में अगर आप मनचाहा वर पाना चाहते हैं तो सोमवार के दिन स्तोत्र का पाठ करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

सोमवार के दिन भगवान शिव के स्तोत्र का करें पाठ 

सोमवार के दिन भगवान शिव के स्तोत्र का पाठ 21 बार करें। इससे आपको शुभ परिणाम मिल सकते हैं। 
नमामीशमीशान निर्वाणरूपं ।
विभुं व्यापकं ब्रह्मवेदस्वरूपम् ।।
निजं निर्गुणं निर्विकल्पं निरीहं ।
चिदाकाशमाकाशवासं भजेऽहम् ।।1।।
निराकारमोङ्कारमूलं तुरीयं ।
गिराज्ञानगोतीतमीशं गिरीशम् ।।
करालं महाकालकालं कृपालं ।
गुणागारसंसारपारं नतोऽहम् ।।2।।
तुषाराद्रिसंकाशगौरं गभीरं ।
मनोभूतकोटिप्रभाश्री शरीरम् ।।
स्फुरन्मौलिकल्लोलिनी चारुगङ्गा ।
लसद्भालबालेन्दु कण्ठे भुजङ्गा ।।3।।
चलत्कुण्डलं भ्रूसुनेत्रं विशालं ।
प्रसन्नाननं नीलकण्ठं दयालम् ।।
मृगाधीशचर्माम्बरं मुण्डमालं ।
प्रियं शङ्करं सर्वनाथं भजामि ।।4।।
प्रचण्डं प्रकृष्टं प्रगल्भं परेशं ।
अखण्डं अजं भानुकोटिप्रकाशं ।।
त्रय: शूलनिर्मूलनं शूलपाणिं ।
भजेऽहं भवानीपतिं भावगम्यम् ।।5।।
कलातीतकल्याण कल्पान्तकारी ।
सदा सज्जनानन्ददाता पुरारी ।।
चिदानन्दसंदोह मोहापहारी ।
प्रसीद प्रसीद प्रभो मन्मथारी ।।6।।
न यावद् उमानाथपादारविन्दं ।
भजन्तीह लोके परे वा नराणाम् ।
न तावत्सुखं शान्ति सन्तापनाशं ।
प्रसीद प्रभो सर्वभूताधिवासं ।।7।।
न जानामि योगं जपं नैव पूजां ।
नतोऽहं सदा सर्वदा शम्भुतुभ्यम् ।।
जराजन्मदुःखौघ तातप्यमानं ।
प्रभो पाहि आपन्नमामीश शंभो ।।8।।
रुद्राष्टकमिदं प्रोक्तं विप्रेण हरतोषये ।
ये पठन्ति नरा भक्त्या तेषां शम्भुः प्रसीदति ।।9।।

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भगवान शिव का स्तोत्र का पाठ करने के नियम 

  • अगर आप भगवान शिव के स्तोत्र का पाठ कर रहे हैं तो सबसे ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें ।
  • उसके बाद शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और भगवान शिव के मंत्रों का जाप करें। 
  • भगवान शिव के मंत्रों का जाप करने के बाद आप शिवलिंग पर दूध चढ़ाएं। 
  • उसके बाद शिवलिंग की अर्ध परिक्रमा लगाएं। 
  • परिक्रमा लगाने के बाद शिवलिंग के सामने एक आसन पर बैठकर भगवान शिव के स्तोत्र का जाप करें।

Published By : Kunal Verma

पब्लिश्ड 23 November 2025 at 14:47 IST