अपडेटेड 26 April 2025 at 10:43 IST
Shani Dev: शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाने से क्या होता है? जानिए लाभ
Shani Dev Puja: आइए जानते हैं कि शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करने से क्या लाभ होते हैं।
Shani Dev aur Sarson ke tel: हिंदू धर्म में सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित किया गया है। जिसके अनुसार शनिवार के दिन भगवान शनि की पूजा किए जाने का विधान है। शनिदेव को कर्मों का देवता कहा जाता है। कहते हैं कि शनिदेव व्यक्ति के अच्छे या बुरे कर्मों के अनुसार उसे दंड या फल देते हैं।
वहीं, कई लोग शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उनकी मूर्ति या तस्वीर पर सरसों का तेल भी अर्पित करते हैं। कहते हैं शनि भगवान को सरसों का तेल अर्पित करने से वह जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं और व्यक्ति की सभी इच्छाएं पूरी करते हैं। ऐसे में अगर आप भी शनिदेव पर सरसों का तेल चढ़ाने जा रहे हैं तो आपको ऐसा करने से मिलने वाले इन लाभों के बारे में जान लेना चाहिए।
शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाने से होने वाले लाभ (Benefits of offering mustard oil to Shanidev)
शनिदेव की दृष्टि से रक्षा
शनिदेव की दृष्टि को बहुत तीव्र और कठोर माना जाता है। कहा जाता है कि सरसों का तेल चढ़ाने से शनिदेव की तीव्र दृष्टि से बचाव होता है।
शनिदेव का क्रोध होता है शांत
शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है, लिहाजा अन्याय होने पर उन्हें जल्दी क्रोध आता है। इसलिए उनके इस क्रोध को शांत करने के लिए सरसों का तेल भगवान शनि पर चढ़ाया जाता है।
कर्मों का शोधन
सरसों के तेल में व्यक्ति अपनी परछाईं देखकर शनिदेव को अर्पित करता है। ऐसा करना अपने बुरे कर्मों का प्रायश्चित करने का रूप माना जाता है, जिससे व्यक्ति अपने बुरे कर्मों के लिए क्षमा मांगता है।
शनि ग्रह का संतुलन
शनि का धातु लोहा है और सरसों के तेल को लोहे के पात्र में चढ़ाया जाता है। यह शनि ग्रह को संतुलित करने का उपाय माना गया है।
सरसों का तेल और रोग-निवारण
मान्यता है कि शनिवार के दिन जो व्यक्ति शनिदेव को सरसों का तेल अर्पित करता है उसे जोड़ों के दर्द, लकवा, त्वचा रोग आदि जैसी बीमारियों से राहत मिल जाती है। साथ ही शनिदेव उनके जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह करते हैं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 26 April 2025 at 10:43 IST