अपडेटेड 26 September 2025 at 10:39 IST

Navratri 2025 Day 5 Maa Skandmata: देवी मां के इस स्वरूप का नाम कैसे पड़ा स्कंदमाता? पांचवें दिन ऐसे करें पूजा; जानिए शुभ मुहूर्त, भोग और मंत्र

Navratri 2025 Day 5 Maa Skandmata: हिंदू धर्म में नवरात्रि का पांचवा दिन मां स्कंदमाता को समर्पित है। इस दिन विधिवत रूप से माता की पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

Navratri 2025 Day 5 Maa Skandmata | Image: Meta Ai

Navratri 2025 Day 5 Maa Skandmata: हिंदू धर्म में नवरात्रि के नौ दिन मां दुर्गा के 9 स्वरूपों को समर्पित है। वहीं नवरात्रि का पांचवा दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि इनकी पूजा-अर्चना करने से व्यक्ति को मनोवांछित फलों की प्राप्ति हो सकती है और जीवन में कभी भी किसी तरह की परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता है। 

नवरात्रि की पंचमी तिथि को साधकों का मन विशुद्ध चक्र में होता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दौरान साधकों का चित्त शांत होता है। अब ऐसे में मां स्कंदमाता का नाम कैसे पड़ा और पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?इसके अलावा स्कंदमाता को क्या भोग लगाएं? आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य दयांद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।

देवी मां के इस स्वरूप का नाम कैसे पड़ा स्कंदमाता?

पुराणों के अनुसार, 'स्कंद' भगवान कार्तिकेय का दूसरा नाम है। कार्तिकेय देवताओं की सेना के सेनापति हैं और उन्होंने तारकासुर नामक शक्तिशाली राक्षस का वध किया था। कार्तिकेय को जन्म देने के कारण ही, मां दुर्गा के इस स्वरूप को 'स्कंद की माता' या स्कंदमाता कहा जाता है।स्कंदमाता की गोद में बालक स्कंद बैठे होते हैं। उनकी पूजा से संतान सुख की प्राप्ति होती है और भक्त को ज्ञान और मोक्ष मिलता है।

स्कंदमाता की पूजा किस विधि से करें?

  • सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
  • सबसे पहले कलश देवता, गणेश जी और नवग्रहों का पूजन करें।
  • इसके बाद स्कंदमाता की प्रतिमा या तस्वीर को गंगाजल से शुद्ध करें।
  • माता को रोली, कुमकुम, अक्षत अर्पित करें और पीले फूल चढ़ाएं।
  • घी का दीपक जलाएं और धूप जलाएं।
  • स्कंदमाता को काले का भोग लगाएं और सफेद मिठाई का भोग लगाएं।
  • स्कंदमाता के मंत्रों का जाप करें। इससे मा्ं बेहद प्रसन्न होती हैं।
  • आखिर में मां स्कंदमाता की आरती करें।

स्कंदमाता की पूजा का शुभ मुहूर्त

  • ब्रह्म मुहूर्त- सुबह 04:36 बजे से 05:24 बजे तक
  • प्रात:कालीन संध्या - सुबह 05:00 बजे से 06:12 बजे तक
  • अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 11:48 बजे से 12:36 बजे तक
  • संध्या पूजा मुहूर्त - शाम 06:30 बजे से 07:42 बजे तक

स्कंदमाता को क्या भोग लगाएं?

स्कंदमाता को केले, पीले रंग की मिठाई, खीर या हलवा और पंचामृत का भोग जरूर लगाएं।

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स्कंदमाता की पूजा में किन मंत्रों का करें जाप?

  • ऊं ह्रीं क्लीं स्कन्दमात्र्यै नमः
  • सिंहासनगता नित्यं पद्माश्रितकरद्वया।
  • शुभदास्तु सदा देवी स्कन्दमाता यशस्विनी॥
  • या देवी सर्वभूतेषु माँ स्कन्दमाता रूपेण संस्थिता।
  • नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
  • एषा मे सर्वदा पातु पुत्रपौत्रान् धनं सुखम्।
  • आरोग्यं च प्रयच्छेत् स्कन्दमाता सरस्वती॥

Published By : Aarya Pandey

पब्लिश्ड 26 September 2025 at 10:35 IST