अपडेटेड 30 September 2025 at 14:42 IST
Lord Hanuman: मंगलवार को हनुमान जी की पूजा में ये 1 चमत्कारी उपाय अपनाएं, हर संकट हो जाएगा दूर
मंगलवार की पूजा के दौरान हनुमान जी की आरती और लड्डू-फल का भोग लगाने से जीवन के संकट दूर होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है। जानें हनुमान जी के मंत्र और पूजा विधि।
Hanuman Ji ki Aarti: मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है, जिन्हें संकट मोचन कहा जाता है। धार्मिक मान्यता है कि हनुमान जी की पूजा करने से जीवन के सभी दुख और संकट दूर होते हैं और जीवन में खुशियों का आगमन होता है। हनुमान जी की आरती करने से प्रभु को प्रसन्न किया जा सकता है और जीवन के संकट दूर किए जा सकते हैं। हनुमान जी की आरती के दौरान कुछ खास मंत्रों का जप किया जा सकता है।
मंगलवार के दिन हनुमान जी की पूजा के दौरान लड्डू और फल का भोग लगाना चाहिए। इससे शुभ फल की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
हनुमान जी के मंत्र
हनुमान जी की पूजा के दौरान कुछ खास मंत्रों का जप करना चाहिए:
1. ऊँ नमो हनुमते रुद्रावताराय अक्षिशूलपक्षशूल शिरोऽभ्यन्तर शूलपित्तशूलब्रह्मराक्षसशूलपिशाचकुलच्छेदनं निवारय निवारय स्वाहा।
2. ओम नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा।
श्री हनुमान जी की आरती (Hanuman Ji Ki Aarti Lyrics in Hindi)
आरती कीजै हनुमान लला की।
दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।।
जाके बल से गिरिवर कांपे।
रोग दोष जाके निकट न झांके।।
अंजनि पुत्र महाबलदायी।
संतान के प्रभु सदा सहाई।।
दे बीरा रघुनाथ पठाए।
लंका जारी सिया सुध लाए।।
लंका सो कोट समुद्र सी खाई।
जात पवनसुत बार न लाई।।
लंका जारी असुर संहारे।
सियारामजी के काज संवारे।।
लक्ष्मण मूर्छित पड़े सकारे।
आणि संजीवन प्राण उबारे।।
पैठी पताल तोरि जमकारे।
अहिरावण की भुजा उखाड़े।।
बाएं भुजा असुर दल मारे।
दाहिने भुजा संतजन तारे।।
सुर-नर-मुनि जन आरती उतारे।
जै जै जै हनुमान उचारे।।
कंचन थार कपूर लौ छाई।
आरती करत अंजना माई।।
लंकविध्वंस कीन्ह रघुराई।
तुलसीदास प्रभु कीरति गाई।।
जो हनुमानजी की आरती गावै।
बसी बैकुंठ परमपद पावै।।
हनुमान जी की पूजा करने से जीवन के संकट दूर होते हैं और शुभ फल की प्राप्ति होती है। मंगलवार के दिन हनुमान जी की आरती और लड्डू-फल का भोग लगाने से प्रभु को प्रसन्न किया जा सकता है और जीवन में सुख-समृद्धि लाई जा सकती है।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 30 September 2025 at 12:08 IST