अपडेटेड 18 October 2025 at 09:32 IST

Dhanteras 2025: धनतेरस पर सोना-चांदी क्यों खरीदना चाहिए? इन 5 कारणों को जानने के बाद आप भी दुकान पहुंच जाएंगे

Dhanteras 2025: आज पूरे देश में धनतेरस का त्योहार मनाया जा रहा है। धनतेरस के शुभ मौके पर सोना-चांदी खरीदना बहुत ही शुभ माना जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि धनतेरस के दिन सोना-चांदी ही सबसे अधिक क्यों खरीदा जाता है। आइए जानते हैं।

silver and gold price | Image: social media

Dhanteras 2025: हिंदू मान्यता के अनुसार धनतेरस को दिवाली का श्रीगणेश माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार धनतेरस को त्रयोदशी भी कहा जाता है और त्रयोदशी का महत्व धन से जोड़कर देखा जाता है। इस शुभ मौके पर मां लक्ष्मी के अलावा, भगवान कुबेर और भगवान धन्वंतरि की पूजा-पाठ का विधान होता है। पूजा-पाठ से धन की देवी-देवता खुश रहते हैं।
भारतीय समाज में धनतेरस के शुभ मुहूर्त पर सोना-चांदी के अलावा पीतल और कांसा आदि वस्तुएं खरीदना काफी शुभ माना जाता है। सोना-चांदी खरीदना शुभ तो माना जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि धनतेरस के दिन सबसे अधिक सोना-चांदी खरीदना ही क्यों शुभ माना जाता है? अगर आप भी इस सवाल का जवाब जानना चाहते हैं, तो आइए इस आर्टिकल में जानते हैं।

धनतेरस पर सोना-चांदी क्यों खरीदते हैं?

एक तरफ मां लक्ष्मी धन की देवी मानी जाती है, तो दूसरी तरफ भगवान कुबेर और धन्वंतरि धन के देतावा माने जाते हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार धनतेरस के दिन जो व्यक्ति सोना-चांदी खरीदकर घर लाता है उस व्यक्ति के ऊपर मां लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान कुबेर और धन्वंतरि की कृपा बनी रहती है। इसलिए धनतेरस के दिन सोना-चांदी के अलावा अन्य धातु खरीदना शुभ माना जाता है।

धनतेरस पर आभूषण खरीदने के कारण

पौराणिक मान्यता के अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि को समुद्र मंथन से भगवान धन्वंतरि की उत्पत्ति हुई थी, जिन्हें धन का देवता माना जाता है। समुद्र मंथन में भगवान धन्वंतरि हाथ में सोने का कलश लिए हुए प्रकट हुए थे। मान्यता के अनुसार धन्वंतरि को मां लक्ष्मी का भाई भी बोला जाता है, जिन्हें सोना-चांदी बहुत पसंद है। इसलिए धनतेरस के खास मौके पर सोना-चांदी से लेकर पीतल के बर्तन खरीदना काफी शुभ माना जाता है।

धनतेरस खरीदारी का शुभ मुहूर्त

खबरों के अनुसार धनतेरस खरीदारी का शुभ मुहूर्त कुछ इस प्रकार है।
अमृत काल- सुबह 8 बजकर 50 मिनट से 10 बजकर 33 मिनट तक है।
अभिजित मुहूर्त- दोपहर 12 बजकर 1 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक है।
चौघड़िया मुहूर्त- दोपहर 1 बजकर 51 मिनट से लेकर दोपहर 3 बजकर 18 मिनट तक है।


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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Sahitya Maurya

पब्लिश्ड 18 October 2025 at 09:29 IST