अपडेटेड 14 December 2025 at 18:12 IST

Kharmas 2025: खरमास में क्या तुलसी की पूजा कर सकते हैं? जान लें सही नियम

Kharmas 2025: हिंदू धर्म में तुलसी को बेहद पूजनीय माना गया है। मान्यता है कि तुलसी की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है। अब ऐसे में सवाल है कि क्या खरमास में तुलसी पूजा करना ठीक है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

Kharmas 2025 | Image: Freepik

Kharmas 2025: हिंदू धर्म में खरमास के महीने को शुभ और मांगलिक कार्यों के लिए वर्जित माना जाता है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार, जब सूर्यदेव धनु राशि में प्रवेश करते हैं, तो उस पूरे एक महीने की अवधि को खरमास कहते हैं। इस दौरान विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश और नए व्यापार की शुरुआत जैसे शुभ कार्य वर्जित हो जाते हैं। अब ऐसे में क्या इस दौरान तुलसी की पूजा करना ठीक है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।

कब से कब तक रहने वाला है खरमास? 

इस साल खरमास 16 दिसंबर 2025 को दोपहर 01 बजकर 27 मिनट से शुरू होगा और 14 जनवरी 2026 को मकर संक्रांति के दिन सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही समाप्त हो जाएगा। इस दौरान पूजा-पाठ, जप-तप करने से पुण्य फलों की प्राप्ति हो सकती है।

क्या खरमास में तुलसी की पूजा कर सकते हैं? 

खरमास के दौरान धार्मिक कार्य, व्रत, जप और दान का फल 'अक्षय' यानी कभी खत्म न होने वाला होता है। भगवान विष्णु और सूर्य देव की उपासना इस महीने में विशेष रूप से फलदायी मानी गई है, और चूंकि तुलसी माता भगवान विष्णु को प्रिय हैं, इसलिए उनकी पूजा करना इस माह में अत्यंत शुभ है। तुलसी पूजा से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।

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खरमास में तुलसी पूजा के सही नियम सही नियम क्या है? 

  • खरमास में भी आपको प्रतिदिन सुबह स्नान के बाद तुलसी को जल अर्पित करना चाहिए और शाम के समय घी का दीपक जलाना चाहिए।
  • इस दौरान तुलसी की माला से भगवान विष्णु के मंत्र 'ऊं नमो भगवते वासुदेवाय' का जाप करना विशेष फलदायी माना गया है।
  • खरमास में तुलसी माता को चूड़ी, बिंदी, सिंदूर, कुमकुम, मेहंदी या सुहाग का कोई भी सामान नहीं चढ़ाना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस माह में तुलसी का रूप थोड़ा उग्र माना जाता है, इसलिए साधारण और शुद्ध पूजा ही करनी चाहिए।
  • पौष माह में रविवार और एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए।

Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 14 December 2025 at 18:12 IST