अपडेटेड 4 November 2025 at 12:07 IST
Kartik Purnima 2025: कार्तिक पूर्णिमा कब मनाई जाएगी? जानें शुभ मुहूर्त से लेकर पूजा विधि, दान और महत्व
Kartik Purnima 2025: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। अब ऐसे में इस साल कार्तिक पूर्णिमा का व्रत कब रखा जाएगा और पूजा विधि क्या है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
Kartik Purnima 2025: हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इसे त्रिपुरारी पूर्णिमा और देव दीपावली के नाम से भी जाना जाता है। कार्तिक मास की यह पूर्णिमा धार्मिक और आध्यात्मिक दोनों ही दृष्टिकोण से अत्यंत फलदायी मानी जाती है। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान, दान और दीपदान करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और समस्त पापों का नाश होता है। देव दिवाली पर लक्ष्मी नारायण और भगवान शिव की पूजा का विधि-विधान है। अब ऐसे में कार्तिक पूर्णिमा के दिन किस मुहूर्त में पूजा-पाठ करें और पूजा विधि क्या है? आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
कब है कार्तिक पूर्णिमा?
पूर्णिमा तिथि का आरंभ 4 नवंबर को रात 10 बजकर 36 मिनट से हो रहा है। पूर्णिमा तिथि का समापन 5 नवंबर को शाम 6 बजकर 48 मिनट तक है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त क्या है?
स्नान-दान का शुभ मुहूर्त - सुबह 04 बजकर 52 मिनट से सुबह 05 बजकर 44 मिनट तक।
देव दीपावली का शुभ मुहूर्त (प्रदोष काल)- शाम 05 बजकर 15 मिनट से शाम 07 बजकर 50 मिनट तक।
सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 06 बजकर 34 मिनट से अगले दिन सुबह 06 बजकर 37 मिनट तक है।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा किस विधि से करें?
- सूर्योदय से पूर्व किसी पवित्र नदी जैसे गंगा में स्नान करें। यदि यह संभव न हो, तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- स्नान के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और व्रत का संकल्प लें।
- भगवान विष्णु, माता लक्ष्मी और भगवान शिव की पूजा करें। उनके समक्ष दीपक जलाएं, मंत्रों का जाप करें और फल, फूल व मिठाई अर्पित करें।
- इस दिन सत्यनारायण भगवान की कथा सुनना और पढ़ना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- शाम के समय, प्रदोष काल में, मंदिरों, पवित्र नदियों के घाटों और घर के मुख्य द्वार पर दीपदान अवश्य करें। यह 'देव दीपावली' का मुख्य कर्म है।
- शाम को चंद्रमा को अर्घ्य दें और उनका पूजन करें।
कार्तिक पूर्णिमा के दिन किन चीजों का दान करें?
कार्तिक पूर्णिमा के दिन अन्न का दान , पीले वस्त्र का दान और सफेद रंग की चीजों का दान, गुड़ का दान और दीपदान जरूर करें।
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कार्तिक पूर्णिमा के दिन पूजा का महत्व क्या है?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पूरे वर्ष के गंगा स्नान का फल मिलता है और सभी पापों से मुक्ति मिलती है। इसी दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का वध किया था। इस खुशी में देवताओं ने स्वर्ग से उतरकर पृथ्वी पर दीपक जलाए थे, जिसे देव दीपावली कहा जाता है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 4 November 2025 at 12:07 IST