अपडेटेड 4 November 2025 at 10:58 IST
Dev Deepawali 2025: देव दीपावली पर ग्रहों का अद्भुत मेल, शिववास समेत बन रहा है ये खास संयोग; जानें पूजा मुहूर्त और विधि
Dev Deepawali 2025: हिंदू धर्म में देव दीपावली का विशेष महत्व है। इस दिन विधिवत दीपदान करने का विधान है। अब ऐसे में इस दिन किस योग और मुहूर्त में पूजा करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
- धर्म और अध्यात्म
- 3 min read

Dev Deepawali 2025: हिंदू पंचांग के हिसाब से कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि को कार्तिक पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसी दिन देव दीपावली भी मनाई जाती है। यह दिन सुख-सौभाग्य का कारक माना जाता है। यह दिन बेहद मंगलमय माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस दिन सभी देवी-देवता पृथ्वी पर उतरकर दीपदान और स्नान करते हैं, खासकर काशी के गंगा घाटों पर। इस साल ये पावन पर्व 5 नवंबर को मनाया जाएगा, और इस दिन ग्रहों का अद्भुत संयोग इसे और भी खास बना रहा है।
आपको बता दें, देव दीपावली के दिन शुभ योग में पूजा-पाठ करने का विशेष विधान है। आइए इस लेख में ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं कि किस मुहूर्त में पूजा-पाठ करना है और पूजा विधि क्या है?
देव दीपावली के दिन कौन-कौन से शुभ योग हैं?
शिववास योग
देव दीपावली के दिन शिववास योग बन रहा है, जिसकी शुरुआत शाम 06 बजकर 48 मिनट पर होगी। शिववास योग में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करना अत्यंत शुभ माना जाता है और यह सभी कार्यों में सफलता प्रदान करता है।
हंस राजयोग
देवगुरु बृहस्पति अपनी उच्च राशि में विराजमान होकर हंस नामक राजयोग का निर्माण करेंगे। यह योग ज्ञान, धन और सम्मान में वृद्धि करता है।
Advertisement
रूचक राजयोग
मंगल ग्रह अपनी स्वग्रही राशि वृश्चिक में रहकर रूचक राजयोग बनाएंगे, जो साहस, पराक्रम और भूमि संबंधी मामलों में लाभ देगा।
सिद्धि योग
इसके अलावा, इस दिन सिद्धि योग के साथ-साथ अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग भी बनेंगे, जो हर प्रकार के शुभ कार्यों के लिए उत्तम हैं।
Advertisement
देव दीपावली के दिन किस मुहूर्त में करें पूजा?
कार्तिक पूर्णिमा की तिथि 4 नवंबर 2025 को देर रात 10 बजकर 36 मिनट पर शुरू होगी और 5 नवंबर 2025 को शाम 06 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि के कारण देव दीपावली 5 नवंबर को मनाई जाएगी।
- पूर्णिमा तिथि आरंभ- 4 नवंबर, रात 10:36 बजे
- पूर्णिमा तिथि समाप्त- 5 नवंबर, शाम 06:48 बजे
- प्रदोष काल मुहूर्त (पूजा/दीपदान) - 5 नवंबर, शाम 05:15 बजे से 07:50 बजे तक
ये भी पढ़ें - Winter Homemade Toner: सर्दियों में चाहिए 'ग्लास स्किन', घर पर खुद से बनाएं ये टोनर; चेहरा रहेगा हाइड्रेटेड और चमकदार
देव दीपावली के दिन पूजा विधि
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करें। यदि यह संभव न हो, तो घर पर ही नहाने के जल में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
- साफ वस्त्र पहनकर व्रत का संकल्प लें।
- भगवान शिव और भगवान विष्णु की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें। उन्हें फूल, अक्षत, रोली, चंदन, और भोग अर्पित करें।
- संध्याकाल में, घर के मुख्य द्वार पर, तुलसी के पास, मंदिर में और गंगा के घाटों पर कम से कम 11, 21 या 51 दीपक जलाएं। दीपदान करते समय ऊँ नम: शिवाय या ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें।
- विधि-विधान से पूजा के बाद भगवान की आरती करें। इस दिन पीली वस्तुओं का दान करना बहुत फलदायी माना जाता है।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 4 November 2025 at 10:58 IST