अपडेटेड 6 July 2024 at 07:32 IST
Jagannath Rath: अविवाहित जोड़े क्यों नहीं आ सकते जगन्नाथ मंदिर? जानें क्या था राधा रानी का श्राप
Are unmarried couples allowed in Jagannath Temple? आखिर जगन्नाथ मंदिर के दर्शन अविवाहिक जोड़े क्यों नहीं करते और इसके पीछे कौन सी कथा प्रचलित है।
Jagannath Rath Yatra: आषाढ़ महीने की कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को हर साल बड़ी धूमधाम से जगन्नाथ रथ यात्रा निकाली जाती है। इस साल यह यात्रा 7 जुलाई से शुरू हो रही है। दूर-दूर से लोग इस यात्रा में शामिल होने के लिए आते हैं और जगन्नाथ जी के साथ उनकी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के भी दर्शन करते हैं। एक मान्यता यह भी है कि यदि जगन्नाथ रथ यात्रा में कोई व्यक्ति शामिल होता है तो उसे 100 यज्ञ के बराबर फल प्राप्त होता है इसलिए न जानें कितनी संख्या में लोग देश-विदेश से इस रथ यात्रा में शामिल होने के लिए आते हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस मंदिर के दर्शन अविवाहित जोड़ों को नहीं करने चाहिए। इसके पीछे एक कथा प्रचलित है। आज का हमारा लेख इसी कथा पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि जगन्नाथ मंदिर के दर्शन अविवाहित जोड़े क्यों (can unmarried couple go to jagannath temple?) नहीं करते। पढ़ते हैं आगे...
क्या है प्रचलित कथा (Who is not allowed in Jagannath Temple?)
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, एक बार श्री राधा रानी जगन्नाथ मंदिर के दर्शन करने के लिए मंदिर के द्वार पर पहुंचीं। वह जैसे ही मंदिर के अंदर प्रवेश करने वाली थीं वैसे ही वहां की पुजारी ने उन्हें रोक दिया। राधा रानी उनके रोक पर बड़ी हैरान हुई। जब राधा रानी ने उनके रोकने का कारण पूछा तो पुजारी ने कहा कि आप श्री कृष्ण की प्रेमिका हैं साथ ही आप अविवाहित भी हैं आपका विवाह अभी नहीं हुआ है इसलिए आप इस मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकतीं। इस बात से राधा रानी को बेहद क्रोध आया और उन्होंने इस क्रोध में आकर जगन्नाथ मंदिर को श्राप दिया कि यदि कोई अविवाहित जोड़ा इस मंदिर में प्रवेश कर दर्शन करता है तो वह जीवन भर प्रेम प्राप्त नहीं कर पाएगा।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 6 July 2024 at 07:32 IST