अपडेटेड 26 August 2025 at 09:56 IST

Hartalika Teej 2025: हरतालिका तीज आज, इस व्रत कथा के बिना अधूरी है भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा!

हरतालिका तीज के दिन प्रदोष काल में माता-पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है। पूजा के बाद कथा पढ़ी जाती और फिर आरती की जाती है

Hartalika Teej Vrat Katha 2025 | Image: Meta Ai

Hartalika Teej 2025: आज हरतालिका तीज का व्रत रखा जा रहा है। इस पर्व को महिलाएं बड़ी ही श्रद्धा के साथ मनाती हैं। इस दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और शुभ मुहूर्त में शिव-पार्वती की रेत या फिर बालू से बनी प्रतिमा की पूजा करती हैं।

इस दिन प्रदोष काल में माता-पार्वती और भगवान शिव की पूजा का विधान है। पूजा के बाद कथा पढ़ी जाती और फिर आरती की जाती है।

हरतालिका तीज व्रत की कथा

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, हरतालिका तीज की कथा में भगवान शिव और माता पार्वती को उनके पिछले जन्म की याद दिलाते हैं। पर्वतराज हिमालय ने पुत्री पार्वती की शादी विष्णुजी से कराने का फैसला लिया। विष्णुजी से शादी का प्रस्ताव मिलने पर देवी पार्वती दुखी होकर जंगल में चली गईं। इसके बाद उन्होंने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए 12 सालों तक कठोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न हुए महादेव ने उन्हें पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। तभी से हरतालिका तीज व्रत की शुरुआत हुई।

क्यों रखा जाता है व्रत?

इस दिन सुहागन महिलाएं और कुंवारी कन्याएं मनचाहे वर की प्राप्ति के लिए व्रत रखती हैं। साथ ही भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करती हैं जिससे की उनका जीवन खुशियों से भर जाए।

हरतालिका तीज पूजन विधि

हरतालिका तीज का व्रत महिलाएं 24 घंटे तक बिना अन्न-जल के रहती हैं। यह व्रत बह्मा मुहूर्त से शुरू हो जाता है। इस दिन सबसे पहले नहाएं और साफ सुथरे कपड़े पहने। फिर विधिवत पूजा के लिए भगवान शिव और माता पार्वती की मिट्टी की प्रतिमा बनाएं और स्थापित करें। पूजा के लिए सभी जरूरी सामग्री फल, फूल, दीप, धूप समेत आदि अर्पित करने के लिए जुटा लें।

फिर भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें और कथा को ध्यानपूर्वक सुनें। शाम को फिर से पूजा करें और अर्घ्य दें। इसके बाद अगले दिन सुबह व्रत का पारण करें।

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Published By : Priyanka Yadav

पब्लिश्ड 26 August 2025 at 09:56 IST