अपडेटेड 27 July 2024 at 19:38 IST
Hanuman Story: हनुमान जी अमर कैसे हुए? जानें किसने और क्यों दिया ये वरदान
Is Lord Hanuman amar? हनुमान जी अमर कैसे हुए? हनुमान जी को अमरता का वरदान किसने दिया? जानते हैं इन सभी प्रश्नों के उत्तर...
Is Lord Hanuman amar? श्री राम के भक्त हनुमान जी को कलयुग का भगवान भी कहा जाता है। वहीं इन्हें अमरता का वरदान मिला है। लेकिन यह वरदान हनुमान जी को किसने दिया और इसके पीछे क्या कारण था शायद इसके बारे में कम ही लोग जानते हैं। बता दें कि इसके पीछे एक कथा छिपी है।
आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपनी इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि हनुमान जी को अमरता का वरदान किसने दिया और इसके पीछे क्या कारण छिपे हैं। पढ़ते हैं आगे…
हनुमान जी को अमृता का वरदान किसने दिया?
रामायण की कथा के मुताबिक, रावण जब माता सीता को अपने साथ ले गए तब श्री राम और लक्ष्मण उन्हें खोजने लगे। इस दौरान हनुमान जी की मुलाकात और वानर राज सुग्रीव की मुलाकात लक्ष्मण और श्री राम से हुई। जब दोनों की मित्रता हो गई तो पूरी वानर सेना ही माता सीता को खोजने लगी। ऐसे में हनुमान जी लंका की अशोक वाटिका भी माता सीता के लिए चले गए थे। जहां पर माता सीता को हनुमान जी ने श्री राम की अंगूठी दिखाई और उन्हें यह विश्वास दिलाया कि वह श्री राम की अंगूठी है और श्री राम जल्द ही उन्हें लेने आएंगे। ऐसे में माता सीता हनुमान जी की भक्ति से बेहद ही प्रसन्न हुई और उन्होंने हनुमान जी को अपना चूड़ामणि दिया। साथ ही कहा कि इस पृथ्वी पर तुम सदा अजर अमर रहोगे और सभी भक्तों की कष्ट दूर करोगे।
सुंदरकांड में भी वर्णन
अजर अमर गुन निधि सुत होहू। करहुँ बहुत रघुनायक छोहू॥
करहुँ कृपा प्रभु अस सुनि काना। निर्भर प्रेम मगन हनुमाना॥2॥
अर्थ:- हे पुत्र! तुम अजर, अमर और गुणों के खजाने हो जाओ। श्री रघुनाथ जी तुम पर बहुत कृपा करें। ‘प्रभु कृपा करें’ ये शब्द सुनते ही हनुमान जी पूर्ण प्रेम में मग्न हो गए।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 27 July 2024 at 19:38 IST