अपडेटेड 27 July 2024 at 19:25 IST

Sawan: सावन में शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये पत्ता, पिछे छिपा है ये श्राप

Why tulsi is not offered to lord shiva in hindi: क्या आप जानते हैं कि एक ऐसा पत्ता है जो भगवान शिव और शिवलिंग पर नहीं चढ़ता है? जानते हैं इसके पीछे का कारण...

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सावन में शिवलिंग पर न चढ़ाएं ये पत्ता | Image: shutterstock

Why Tulsi is not used in Shiv puja: सावन के महीने में लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए शिवलिंग पर बेलपत्र, शमी के पत्ते, कच्चा दूध, शहद आदि चीज चढ़ाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उनके ऊपर एक ऐसा पत्ता है जो नहीं चढ़ाया जाता? जी हां, हम बात कर रहे हैं तुलसी के पत्ते की। तुलसी का प्रयोग शिवलिंग पर करना वर्जित है। इसके पीछे एक कथा भी है। 

आज का हमारा लेख इस कथा पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि भगवान शिव पर तुलसी का पत्ता क्यों नहीं चढ़ता है और इसके पीछे क्या कारण है। पढ़ते हैं आगे... 

शिवलिंग पर क्यों नहीं चढ़ता यह पत्ता? 

मान्यताओं के अनुसार,  जालंधर नाम का राक्षस था, जिसकी पत्नी का नाम वृंदा था। वृंदा बेहद पतिव्रता थीं और वृंदा को भगवान विष्णु से वरदान था कि जब तक वह भगवान विष्णु की पूजा में लीन रहेंगी तब तक उनके पति को युद्ध में कोई नहीं हरा पाएगा। ऐसे में जालंधर ने भगवान शिव को भी युद्ध के लिए चुनौती दी। भगवान शिव श्री विष्णु के पास गए और उन्होंने एक योजना बनाई। योजना के तहत भगवान विष्णु जालंधर का वेश धारण कर वृंदा के पास गए और वृंदा का पतिव्रता धर्म तोड़ दिया। उधर भगवान शिव ने जालंधर का वध कर दिया। जब वृंदा को इस बात का पता चला कि शिव जी ने उसके पति का वध किया है तो उसने भगवान शिव को श्राप दिया कि उनकी पूजा में कभी भी तुलसी की पत्तियां इस्तेमाल में नहीं होंगी।

कौन थी वृंदा?

दूसरी कथा के अनुसार, तुलसी का नाम पहले जन्म में वृंदा था। उसका विवाह जालंधर नाम के राक्षक से हुआ था। ऐसे में भगवान विष्णु और भगवान शिव ने छल से वृंदा का पतिव्रता धर्म भंग कर दिया। जब वृंदा को इस बात का पता चला तो उन्होंने विष्णु जी को श्राप दिया कि वे पत्थर के बन जाएं। लेकिन विष्णु जी ने जब तुलसी को बताया कि हम तुम्हारा बचाव जालंधर से कर रहे थे तो विष्णु जी ने क्रोध में तुलसी को लकड़ी बन जाने का श्राप दे दिया। ऐसे में वृंदा तुलसी का पौधा बन गई।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 27 July 2024 at 19:25 IST