अपडेटेड 25 June 2024 at 13:37 IST
बुधवार उपाय: इसके बिना अधूरी है गणेश जी की पूजा, सुनते ही हो जाते हैं खुश
Ganesha Aarti in Hindi: गणेश जी के 3 प्रसिद्ध आरतियां कौन-सी हैं, जिनके बिना पूजा अधूरी है। जानते हैं इनके बारे में...
Ganesh Ji Ki Aarti in Hindi: भगवान गणेश जी को सभी देवों में प्रथम पूज्य देव माना जाता है। वहीं हिंदु मान्यताओं के अनुसार जो लोग बप्पा की पूजा करते हैं उन्हें यश, वैभव और ज्ञान की प्राप्ति हो सकती है। बता दें कि हिंदू धर्म में जब भी किसी देवता की पूजा की जाती है तो उनकी आरती भी की जाती है।
वहीं एक मान्यता ये भी है कि यदि गणेश जी की आरती की जाए तो वे अपने भक्तों से जल्दी प्रसन्न होते हैं और उनकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। ऐसे में हम आज आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से बताएंगे कि गणेश जीकी 3 प्रसिद्ध आरतियां कौन-सी हैं, जिनके बिना पूजा अधूरी है।
गणेश जी की आरती हिंदी में - 1
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
एक दंत दयावंत,
चार भुजा धारी ।
माथे सिंदूर सोहे,
मूसे की सवारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
पान चढ़े फल चढ़े,
और चढ़े मेवा ।
लड्डुअन का भोग लगे,
संत करें सेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
अंधन को आंख देत,
कोढ़िन को काया ।
बांझन को पुत्र देत,
निर्धन को माया ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
'सूर' श्याम शरण आए,
सफल कीजे सेवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
दीनन की लाज रखो,
शंभु सुतकारी ।
कामना को पूर्ण करो,
जाऊं बलिहारी ॥
जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा ।
माता जाकी पार्वती,
पिता महादेवा ॥
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गणेश जी की आरती हिंदी में - 2
सुखकर्ता दुखहर्ता
सुखकर्ता दुखहर्ता वार्ता विघ्नाची,
नुरवी पूर्वी प्रेम कृपा जयाची।
सर्वांगी सुंदर उटी शेंदुराची,
कंठी झळके माळ मुक्ताफळाची।।
जय देव जय देव जय मंगलमूर्ती,
दर्शनमात्रे मनकामना पुरती।
जय देव जय देव ||
रत्नखचित फरा तुज गौरीकुमरा,
चंदनाची उटी कुमकुम केशरा।
हीरे जडित मुकुट शोभतो बरा,
रुणझुणती नूपुरे चरणी घागरिया।।
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति।
जय देव जय देव।
लम्बोदर पीताम्बर फनिवर वंदना,
सरळ सोंड वक्रतुंडा त्रिनयना।
दास रामाचा वाट पाहे सदना,
संकटी पावावे निर्वाणी रक्षावे सुरवर वंदना।।
जय देव जय देव, जय मंगल मूर्ति,
दर्शनमात्रे मनःकमाना पूर्ति।
जय देव जय देव।
गणेश जी की आरती हिंदी में - 3
शेंदुर लाल चढायो
शेंदुर लाल चढायो अच्छा गजमुखको।
दोंदिल लाल बिराजे सुत गौरीहरको॥
हाथ लिये गुडलड्डू साई सुरवरको।
महिमा कहे न जाय लागत हूँ पदको॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता॥
अष्टी सिद्धी दासी संकटको बैरी।
विघ्नविनाशन मंगलमूरत अधिकाई॥
कोटीसुरजप्रकाश ऐसी छबि तेरी।
गंडस्थलमदमस्तक झुले शशिबहारी॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता॥
भावभगतिसे कोई शारणागत आवे।
संतति संपति सबही भरपूर पावे।
ऐसे तुम महाराज मोको अति भवे
गोसावीनंदन निशिदिन गुण गावे॥
जय जय श्री गणराज विद्या सुखदाता।
धन्य तुम्हारा दर्शन मेरा मन रमता॥
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 25 June 2024 at 13:12 IST