अपडेटेड 17 October 2025 at 20:56 IST
Dhanteras 2025 Puja Vidhi : धनतेरस के दिन धनवंतरि और कुबेर देवता की पूजा में न करें ये गलती, जान लें विधि और मुहूर्त
Dhanteras 2025 Puja Vidhi: हिंदू धर्म में धनतेरस शुभता और सकारात्मकता का कारक माना जाता है। इस दिन कुबेर देवता और धनवंतरि की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। अब ऐसे में इस दिन किस विधि से पूजा करने से शुभ परिणाम मिल सकते हैं।
Dhanteras 2025 Puja Vidhi : दीपावली के पांच दिवसीय महापर्व का शुभारंभ कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी के दिन 'धनतेरस' से होता है। यह पर्व धन, वैभव और आरोग्य का प्रतीक है। इस दिन मुख्य रूप से देवताओं के वैद्य भगवान धन्वंतरि, धन के अधिपति कुबेर देवता और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। मान्यता है कि सही विधि और शुभ मुहूर्त में की गई पूजा से घर में तेरह गुना वृद्धि होती है, रोग-दोष दूर होते हैं और वर्ष समृद्धि बनी रहती है।
पंचांग के अनुसार, इस साल कार्तिक माह की त्रयोदशी तिथि का आरंभ 18 अक्टूबर शनिवार को दोपहर 12 बजकर 18 मिनट से आरंभ हो रहा है और इसका समापन अगले दिन 19 अक्टूबर को दोपहर 01 बजकर 51 मिनट पर होगा। वहीं धनतेरस की पूजा शाम को प्रदोष काल में होती है। इसलिए धनतेरस 18 अक्टूबर शनिवार को मनाने की मान्यता है।
पूजा के लिए शुभ मुहूर्त (18 अक्टूबर 2025)
- प्रदोष काल - शाम 05:48 बजे से रात 08:20 बजे तक
- वृषभ काल - शाम 07:16 बजे से रात 09:11 बजे तक
- धनतेरस पूजा का सर्वोत्तम मुहूर्त- शाम 07:16 बजे से रात 08:20 बजे तक
शुभ खरीदारी के मुहूर्त-
धनतेरस के दिन सोना, चाँदी, बर्तन या अन्य धातुएँ खरीदना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- अमृत काल - सुबह 08 बजकर 50 मिनट से लेकर सुबह 10 बजकर 33 मिनट तक
- अभिजीत मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक
- लाभ-उन्नति मुहूर्त - शाम 07 बजकर 16 मिनट से लेकर शाम 08 बजकर 20 मिनट तक
धनवंतरि देवता की पूजा विधि
- धनतेरस की पूजा शाम को प्रदोष काल में पूजा करना सबसे उत्तम है।
- घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में एक चौकी पर पीला वस्त्र बिछाएं। इस पर भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- भगवान धन्वंतरि को पीले वस्त्र अर्पित करें।
- उन्हें हल्दी, कुमकुम, अक्षत, पीले फूल और नैवेद्य अर्पित करें।
- रोग मुक्ति और उत्तम स्वास्थ्य के लिए कम से कम 108 बार 'ॐ धन्वंतराये नमः' मंत्र का जाप करें।
- उनके हाथ में मौजूद अमृत कलश की पूजा करें और अच्छे स्वास्थ्य की कामना करें।
कुबेर देवता की पूजा विधि
- भगवान धन्वंतरि के पास ही धन के देवता कुबेर महाराज की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- कुबेर जी को सफेद मिठाई , रोली, अक्षत और हलके रंग के फूल अर्पित करें।
- पूजा स्थल पर कुबेर यंत्र या तिजोरी रखें।
- धन-समृद्धि के लिए 'ॐ ह्रीं कुबेराय नमः' या 'ॐ वैश्रवणाय स्वाहा' मंत्र का जाप करें।
- तिजोरी, गल्ला या धन रखने के स्थान की पूजा करें।
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धनतेरस के दिन दीया जलाने का शुभ मुहूर्त क्या है?
धनतेरस के दिन दीया जलाने का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 48 मिनट से लेकर शाम 07 बजकर 04 मिनट तक है।
Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 17 October 2025 at 20:56 IST