अपडेटेड 18 December 2025 at 18:38 IST
Darsh Amavasya 2025 Pitru Tarpan: दर्श अमावस्या के दिन इस तरह करें पितरों का तर्पण, पितृदोष से मिलेगा छुटकारा
Darsh Amavasya 2025 Pitru Tarpan: अगर आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो आइए इस लेख में आपको दर्श अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने की विधि के बारे में विस्तार से जानते हैं।
Darsh Amavasya 2025 Pitru Tarpan: हिंदू पंचांग के हिसाब से पौष माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि के दिन पौष अमावस्या और दर्श अमावस्या पड़ता है। यह तिथि 19 नवंबर को है। यह तिथि बेहद पवित्र मानी जाती है। यह अमावस्या तिथि चंद्र मास के आरंभ में आती है। शास्त्रों में यह तिथि पितरों के लिए बेहद महत्वपूर्ण मानी जाती है।
आपको बता दें, अगर किसी जातक की कुंडली में पितृदोष है आपको पौष माह में पूजा-पाठ करने से उत्तम परिणाम मिल सकते हैं। ऐसी मान्यता है कि दर्श अमावस्या के दिन श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान करने से भाग्योदय हो सकता है और व्यक्ति की कुंडली में पितृदोष के अशुभ प्रभाव भी दूर हो सकते हैं। अब ऐसे में दर्श अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण किस विधि से करें और महत्व क्या है? आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
दर्श अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण किस विधि से करें?
- स्नान और संकल्प अमावस्या के दिन सूर्योदय से पूर्व उठकर किसी पवित्र नदी या घर पर ही गंगाजल मिले जल से स्नान करें। स्वच्छ सफेद वस्त्र धारण करें, क्योंकि सफेद रंग शांति और सात्विकता का प्रतीक है। इसके बाद हाथ में जल लेकर पितरों का ध्यान करते हुए तर्पण का संकल्प लें।
- एक तांबे या पीतल के पात्र में शुद्ध जल भरें। इसमें कच्चा दूध, जौ, तिल , अक्षत और सफेद फूल मिलाएं। कुशा की अंगूठी बनाकर अनामिका उंगली में पहनना अत्यंत शुभ माना जाता है।
- सबसे पहले देवताओं के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके जल अर्पित करें।
- इसके बाद उत्तर दिशा की ओर मुख करके ऋषियों को जल दें।
- अंत में दक्षिण दिशा की ओर मुख करें। अपने दोनों हाथों की अंजलि में जल लेकर, अंगूठे के माध्यम से जल को धीरे-धीरे पात्र में गिराएं। इसे 'पितृ तीर्थ' मुद्रा कहा जाता है।
- मंत्रोच्चार तर्पण करते समय अपने पितरों का नाम, गोत्र और उनसे अपना संबंध याद करें।
- पंचबलि कर्म तर्पण के पश्चात भोजन का कुछ अंश पांच विशेष जीवों के लिए निकालें जैसे कि गौ,देवता, चींटी कुत्ता, कौआ आदि।
ये भी पढ़ें - Korean Glass Skin: आपकी किचन में छिपा है आपकी चमकती त्वचा का राज, आपके चेहरे से दूर होंगे दाग-धब्बे
दर्श अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने का महत्व
दर्श अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करने से व्यक्ति को पितरों का आशीर्वाद मिलता है और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। वहीं इस दिन चंद्रमा का प्रभाव कम हो जाता है। जिससे कारण इस दिन दान-पुण्य और जप-तप करना महत्वपूर्ण होता है। अगर आप इस तिथि के दिन नए कामों की नींव रखते हैं तो यह दिन बेहद शुभ मानी जाती है। दर्श अमावस्या के दिन से चंद्रमास शुरू हो जाता है। इसलिए इस दिन किया गया कोई भी संकल्प व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डालता है और जीवन में आ रही बाधाएं, मानसिक परेशानियां और कर्ज से छुटकारा मिल सकता है।
नोट - अगर आप दर्श अमावस्या के दिन तर्पण कर रहे हैं तो अपने पंडित जी से जरूर जान लें।
Published By : Sujeet Kumar
पब्लिश्ड 18 December 2025 at 18:38 IST