अपडेटेड 26 October 2025 at 15:57 IST
Chhath Puja Sandhya Arghya Muhurat: छठ पूजा के दिन शाम को किस समय दिया जाएगा सूर्य देव को अर्घ्य? जानें शुभ मुहूर्त और नियम
Chhath Puja Sandhya Arghya Muhurat: छठ पूजा का महापर्व आरंभ हो चुका है। वहीं आज छठ का दूसरा दिन है। तीसरे दिन सूर्यदेव को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं कि किस मुहूर्त में सूर्यदेव को अर्घ्य दिया जाएगा।
Chhath Puja Sandhya Arghya Muhurat: हिंदू धर्म में छठ महापर्व का विशेष विधान है। छठ पूजा चार दिनों तक चलता है। जिसमें पहले दिन नहाय-खाय, दूसरे दिन खरना, तीसरे दिन संध्या अर्घ्य और चौथे दिन सूर्योदय अर्घ्य देने के बाद इस महापर्व का समापन हो जाता है। ऐसा कहा जाता है कि छठ मईया अपने भक्तों के सभी दुखों को हर लेती है और परिवार में सुख-शांति और समृद्धि का आशीर्वाद देती है।
अब ऐसे में कल छठ पूजा का तीसरा दिन है। इस दिन सूर्यदेव को संध्या अर्घ्य दिया जाएगा। आइए इस लेख में विस्तार से ज्योतिषाचार्य पंडित दयानंद त्रिपाठी से विस्तार से जानते हैं।
छठ पूजा में सूर्यदेव को संध्या अर्घ्य किस समय दिया जाएगा?
संध्या अर्घ्य का समय सूर्यास्त के समय होता है। सूर्यास्त का सामान्य समय लगभग शाम 05 बजकर 40 मिनट है। आपको अपने स्थानीय शहर के सूर्यास्त के सही समय की पुष्टि कर लेनी चाहिए। छठ पूजा का मुख्य अनुष्ठान सूर्यास्त के समय ही किया जाता है। हर जगह लगभग गोधूलि और संध्या बेला में अर्घ्य देने का विधान है।
छठ पूजा के संध्या अर्घ्य का क्या महत्व है?
छठ पूजा के तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विधान है। ऐसा कहा जाता है कि डूबे सूर्य की पूजा जीवन और अंत के परिवर्तन के चक्र को दर्शाती है। यह जीवन के निरंतर चक्र को दर्शाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस समय सूर्य देव की पत्नी प्रत्यूषा के साथ अर्घ्य देने से परिवार को सुख-समृद्धि, स्वास्थ्य, और संतान के कल्याण का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
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डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान मंत्र जाप
छठ पूजा के दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के दौरान इन विशेष मंत्रों का जाप जरूर करें। इससे शुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है और जीवन में आने वाली सभी समस्याएं दूर हो जाती है।
- ऊं ऐहि सूर्य सहस्त्रांशो तेजो राशे जगत्पते।
- अनुकम्पयेमां भक्त्या गृहाणार्घ्यं नमोस्तुते।।
- ऊं घृणि: सूर्याय नमः
- ऊं आदित्याय विदमहे दिवाकराय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात।।
- ऊं ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।
Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 26 October 2025 at 15:57 IST