अपडेटेड 3 April 2025 at 08:58 IST
Chaitra Navratri 2025: कब है चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि? जानिए डेट और कन्या पूजन की विधि
Chaitra Navratri 2025 Date: आइए जानते हैं कि इस साल चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि कब पड़ रही है।
Chaitra Navratri 2025 Ashtami-Navami Date: सनातन धर्म में हर साल दो बार नवरात्रि उत्सव मनाया जाता है। जिसके अनुसार साल की शुरुआत में चैत्र और आखिर में शारदीय नवरात्रि मनाई जाती है। 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो चुकी है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है।
नवरात्रि उत्सव का समापन कुछ लोग अष्टमी तो कुछ नवमी तिथि के दिन करते हैं। इस दिन कन्या पूजन और उन्हें भोजन कराने के बाद ही नवरात्रि को पूर्ण माना जाता है। ऐसे में हर किसी की नजर चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि पर है। चलिए बिना किसी देरी के हम आपको बताते हैं कि चैत्र नवरात्रि की अष्टमी और नवमी तिथि किस दिन पड़ेगी।
कब है अष्टमी और नवमी (Chaitra Navratri Ashtami-Navami Kab Hai)
इस बार चैत्र नवरात्रि में 8 दिनों तक मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा-अर्चना की जाएगी। इस प्रकार से 5 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि का पूजन व कन्या पूजन किया जाएगा। जिसके बाद इसके अगले दिन यानी 6 अप्रैल को चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि का पूजन और राम नवमी का पर्व मनाया जाएगा। ऐसे में कई घरों में अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन किया जाता है और कई जगहों पर नवमी तिथि के दिन कन्या पूजना होता है। आइए जानते हैं कि कन्या पूजन की विधि आखिर किस प्रकार से है।
चैत्र नवरात्रि 2024 कन्या पूजन विधि (Chaitra Navratri 2024 Kanya Pujan Vidhi)
- अष्टमी या नवमी के दिन सबसे पहले उठकर घर की साफ-सफाई करें।
- इसके बाद स्नान आदि संपन्न कर कन्या पूजन के लिए खाना बनाएं।
- अब आप कन्याओं को अपने घर पर पूजन के लिए सम्मानपूर्वक आमंत्रित करें।
- ध्यान रखें कि कन्याओं की उम्र 2 साल से 10 साल के बीच होनी चाहिए।
- अब जैसे ही कन्याएं आपके घर पधारती हैं तो फूल और माला पहनाकर उनका स्वागत करें।
- इसके बाद साफ पानी से उनके पैर धोएं।
- अब कन्याओं के लिए तैयार किए गए आसन पर उन्हें बैठाएं और फिर हाथों में कलाव और माथे पर तिलक लगाएं।
- कन्याओं के सिर पर लाल रंग की एक चुनरी रखें।
- अब कन्याओं को भोजन में पूड़ी, हलवा, काले चने, खीर, नारियल, फल इत्यादि चीजों को एक थाली में सजाकर उन्हें परोसें।
- इसके बाद कन्याओं से भोजन ग्रहण करने का आग्रह करें।
- जब कन्याएं भोजन कर लें तो उन्हें उपहार में किसी तरह की वस्तु या अपनी श्रद्धानुसार दक्षिणा आदि दें।
- कन्याओं की विदाई करते समय उनके पैर छूकर उन्हें फिर आने का निमंत्रण देकर विदा करें।
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Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 3 April 2025 at 08:58 IST