अपडेटेड 3 April 2025 at 07:20 IST
Chaitra Navratri Day 6: नवरात्रि के छठे दिन करें मां कात्यायनी की पूजा, जानिए मुहूर्त, पूजन विधि और मंत्र
Navratri 6th Day: नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के स्वरूप माता कात्यायनी की पूजा की जाती है।
- धर्म और अध्यात्म
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Maa Katyayani Puja Vidhi: रविवार, 30 मार्च से चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) की शुरुआत हो चुकी है। नवरात्रि के छठे दिन मां दुर्गा के स्वरूप मां कात्यायनी (Maa Katyayani) की पूजा की जाती है। मां कात्यायनी की सवारी शेर है। माता की चार भुजाएं हैं और उनके सिर पर हमेशा मुकुट सुशोभित रहता है।
मान्यता है कि अगर भक्त विधि-विधान से मां कात्यायनी की पूजा करते हैं तो उनके विवाह में आ रही अड़चनें खत्म हो जाती हैं। मां कात्यायनी को सफलता और यश का प्रतीक माना जाता है। अगर आप चाहते हैं कि मां कात्यायनी की कृपा हमेशा आप पर बनी रहे तो आपको इस तरह से उनकी पूजा करनी चाहिए।
पूजा मुहूर्त का शुभ समय (Maa Katyayani Ke Liye Puja Ka Shubh Muhurat)
- ब्रह्म मुहूर्त: प्रातः 04 बजकर 56 मिनट से 05 बजकर 43 मिनट तक।
- गोधूलि मुहूर्त: शाम 06 बजकर 51 मिनट से शाम 07 बजकर 14 मिनट तक।
- निशिता मुहूर्त: रात्रि 12 बजकर 17 मिनट से देर रात 01 बजकर 03 मिनट तक।
- अभिजीत मुहूर्त: दोपहर 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक।
मां कात्यायनी पूजा विधि (Maa Katyayani Puja Vidhi)
- नवरात्रि के छठे दिन मां कात्यायनी की पूजा करने के लिए सबसे पहले सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करें और स्वस्छ कपड़े पहनें।
- मां कात्यायनी को पीला रंग अति प्रिय है, इसलिए आप पूजा के लिए पीले रंग के कपड़े जरूर पहनें।
- इसके बाद मंदिर के पास आसन बिछाएं और उसपर बैठकर मां कात्यायनी का ध्यान करें।
- पूजा के लिए पीले रंग के पुष्प लेकर देवी कात्यायनी का आह्वान करें।
- इसके बाद देवी कात्यायनी को अक्षत, धूप, रोली, कुमकुम आदि अर्पित करें।
- अब मां के सामने घी का दीपक जलाकर उनकी आरती करें।
- इसके बाद माता को पीले हलवे, पीले मिष्ठान या शहद का भोग लगाएं।
- इसके बाद मां के चरण स्पर्श कर उनका आशीर्वाद लें।
मां कात्यायनी मंत्र जाप (Maa Katyayani Mantra)
- "या देवी सर्वभूतेषु मां कात्यायनी रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:"।।
- कात्यायनी महामाये, महायोगिन्यधीश्वरी। नन्दगोपसुतं देवी, पति मे कुरु ते नमः।।
- ॐ देवी कात्यायन्यै नमः॥
- चन्द्रहासोज्ज्वलकरा शार्दूलवरवाहना।
कात्यायनी शुभं दद्याद् देवी दानवघातिनी॥
Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Kajal .
पब्लिश्ड 3 April 2025 at 07:20 IST