अपडेटेड 1 April 2025 at 07:42 IST

Chaiti Chhath Puja 2025: नहाय खाय के साथ चैती छठ का आगाज, जानिए खरना और अर्घ्य की तारीख

Chaiti Chhath Puja 2025: आज से नहाय खाय की परंपरा के साथ चैती छठ की शुरुआत हो रही है।

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चैती छठ 2025 | Image: Pinterest

Chaiti Chhath Puja 2025: हिंदू धर्म में हर साल दो बार छठ का पर्व मनाया जाता है। चैत्र माह में आने वाली छठ को चैती छठ (Chaiti Chhath Puja 2025)  के नाम से जाना जाता है। चैती छठ लोकआस्था का महापर्व है, जो खासतौर पर बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश में मनाया जाता है। भगवान सूर्य और छठी मैय्या को समर्पित यह व्रत 4 दिनों तक मनाया जाता है।

चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से चैती छठ की शुरुआत होती है जो कि आज यानी मंगलवार, 1 अप्रैल से शुरू हो रही है। इसका समापन सप्तमी तिथि के दिन पूरे श्रद्धा भाव के साथ होता है। आइए जानते हैं कि नहाय खाय के साथ शुरू होने ये महापर्व कब खत्म होने वाला है।

पहले दिन नहाय खाय (Nahay Khaye)

चैती छठ पूजा का पहला दिन 1 अप्रैल 2025, मंगलवार को मनाया जाएगा। इस दिन व्रती पवित्र नदी या तालाब में स्नान कर भोजन ग्रहण करते हैं। इसे नहाय खाय कहा जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रती अपने शरीर और मन को शुद्ध करते हैं, ताकि वे अगले तीन दिनों के कठिन व्रत को विधिपूर्वक कर सकें।

दूसरे दिन खरना (Kharna)

चैती छठ पूजा का दूसरा दिन 2 अप्रैल 2025, बुधवार को मनाया जाएगा जिसे खरना कहा जाता है। इस दिन व्रती पूरे दिन निर्जला उपवास रखते हैं और शाम को सूर्य देव की पूजा के बाद गुड़ से बनी खीर, रोटी और फल का सेवन करते हैं। खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है।

तीसरे दिन संध्या अर्घ्य (Sandhya Arghya)

चैती छठ पूजा का तीसरा दिन, 3 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन व्रती शाम के समय किसी पवित्र नदी या तालाब के किनारे सूर्य देव को अर्घ्य अर्पित करते हैं।

चौथे दिन सुबह का अर्घ्य (Usha Arghya)

चैती छठ पूजा का आखिरी दिन 4 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा। इस दिन व्रती उगते हुए सूर्य देव को अर्घ्य देते हैं। अर्घ्य देने के बाद व्रती प्रसाद बांटकर अपने व्रत का पारण करते हैं।

चैती छठ पूजन मंत्र (Chaiti Chhath Puja Mantra)

ॐ सूर्याय नम:, ॐ आदित्याय नम:,
ॐ नमो भास्कराय नम:। अर्घ्य समर्पयामि॥

एहि सूर्य! सहस्त्रांशो! तेजो राशे! जगत्पते!
अनुकम्प्यं मां भक्त्या गृहाणार्घ्य दिवाकर!

ऊँ नमो भगवते श्री सूर्याय क्षी तेजसे नम:। ऊँ खेचराय नम:।

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 1 April 2025 at 07:42 IST