अपडेटेड 3 November 2024 at 13:08 IST
भाई दूज पर क्यों पढ़ते हैं यमुना और यमराज की कहानी, दोनों का क्या है रिश्ता...
Yum and Yamuna kahani: भाईदूज के मौके पर क्यों यम और यमुना की कहानी पढ़ जाती है, जानते हैं इस लेख के माध्यम से...
yum and yamuna kahani: भाई दूज का त्यौहार कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। बता दें कि इस दिन यम और यमुना जी का भी नाम और कहानी पढ़ी जाती है। यही कारण है कि इस तिथि को यम द्वितीया भी कहते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यम और यमुना जी का क्या रिश्ता है और इनका नाम भाई दूज के दिन क्यों लिया जाता है।
अगर नहीं तो आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि यम और यमुना जी का आपस में क्या रिश्ता है और कौन-सी कहानी आज के दिन पढ़ी जाती है। पढ़ते हैं आगे…
यम और यमुना की कहानी
यमराज और यमुना दोनों ही भाई बहन थे। यमुना यम से बेहद ही प्रेम करती थीं और वह हमेशा यमराज को अपने घर में न्योता देती थीं। लेकिन यम बहुत व्यस्त रहते थे इसी कारण वह कभी भी अपनी बहन के घर नहीं जा पाए थे। एक दिन कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को यमराज अचानक से अपनी बहन के घर चले गए इससे यमुना को बेहद ही खुशी हुई और उन्होंने अपने भाई को न केवल तिलक किया बल्कि प्रेम से उन्हें खाना भी खिलाया।
साथ ही अपने भाई से यह वरदान लिया कि आज के दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाकर उनसे तिलक करवाएंगे और प्रेम से खाना खाएंगे उसे कभी भी यमराज की यातनाएं नहीं झेलनी पड़ेगी। यह वर सुनकर यमराज ने तथास्तु कहकर वहां से प्रस्थान किया। यही कारण है कि जो भी आज के दिन यमुना नदी में स्नान करके अपनी बहन के घर जाकर उसके वहां तिलक करवाते हैं और प्रेम से खाना खाते हैं उन्हें कभी भी यमलोक नहीं जाना पड़ता है।
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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।
Published By : Garima Garg
पब्लिश्ड 3 November 2024 at 13:08 IST