अपडेटेड 28 April 2025 at 16:23 IST

Akshaya Tritiya 2025: अक्षय तृतीया पर क्यों की जाती है तुलसी की पूजा? जानिए कारण और पूजन विधि

Akshaya Tritiya Aur Tulsi Puja: आइए जानते हैं कि अक्षय तृतीया के मौके पर तुलसी पूजा क्यों की जाती है।

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अक्षय तृतीया पर तुलसी पूजा | Image: Shutterstock

Akshaya Tritiya 2025: वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya) पर्व मनाया जाता है। इस साल अक्षय तृतीया पर्व 30 अप्रैल को मनाया जाएगा। इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। साथ ही इस दिन को सोने की धातु से बनी चीजों की खरीदारी के लिए अति शुभ माना जाता है।

हालांकि क्या आप जानते हैं कि अक्षय तृतीया दिन मां लक्ष्मी के साथ-साथ मां तुलसी की पूजा भी की जाती है? जी हां, इस दिन मां तुलसी की पूजा करने का भी विशेष महत्व होता है। आइए जानते हैं कि इस दिन तुलसी माता की पूजा किए जाने का कारण क्या है।  

अक्षय तृतीया पर क्यों की जाती है तुलसी की पूजा? (Tulsi Puja On Akshaya Tritiya)

मां तुलसी को धन की देवी मां लक्ष्मी का स्वरूप माना जाता है। जिस कारण तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय हैं। अक्षय तृतीया के दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है, यही वजह है कि इस दिन तुलसी पूजा का भी महत्व है। आइए जानते हैं तुलसी पूजा का महत्व

तुलसी पूजा का धार्मिक महत्व (Akshaya Tritiya 2025 Tulsi Puja Significance)

  • तुलसी को माता लक्ष्मी का ही रूप माना जाता है। लिहाजा अक्षय तृतीया के दिन देवी तुलसी की पूजा करने से घर में सुख-समृद्धि और ऐश्वर्य का वास होता है।
  • तुलसी के पौधे में सकारात्मक ऊर्जा का वास होता है। अक्षय तृतीया के दिन तुलसी पूजन करने से घर की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  • अगर आप अक्षय तृतीया के दिन मां तुलसी की पूजा करते हैं तो इससे भगवान विष्णु का आशीर्वाद भी आपको मिलेगा।
  • अक्षय तृतीया पर किए गए पुण्य कर्मों का फल कभी खत्म नहीं होता। इसलिए इस दिन तुलसी की पूजा और सेवा करने से हर तरह के शुभ फल की प्राप्ति होती है।
  • अक्षय तृतीया के दिन तुलसी पूजा से अच्छे स्वास्थ्य, सुख और समृद्धि का वरदान मिलता है। साथ ही आर्थिक परेशानियां दूर होती हैं।

अक्षय तृतीया पर कैस करें तुलसी पूजा ? (Akshaya Tritiya 2025 Tulsi Puja Rituals)

  • अक्षय तृतीया के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर लाल रंग के साफ कपड़े पहनें।  
  • अब तुलसी के पौधे पर गंगाजल चढ़ाएं। उन्हें रोली, कुमकुम, 16 शृंगार की सामग्री आदि अर्पित करें।
  • अब घर में बने आटे का हलवा, हल्दी और चंदन मां तुलसी को चढ़ाएं।
  • इसके बाद घी का दीपक जलाएं और तुलसी मंत्रों का जाप करें।
  • आप चाहे तो तुलसी पूजन के समय विष्णु सहस्रनाम का पाठ भी कर सकते हैं।
  • इसके बाद तुलसी के पौधे की परिक्रमा करें और अंत में आरती करें।
  • इस दिन तुलसी के पौधे में जल अवश्य अर्पित करें।
  • पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे और अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Kajal .

पब्लिश्ड 28 April 2025 at 16:23 IST