अपडेटेड 18 August 2025 at 18:26 IST
Aja Ekadashi 2025: इन दो शुभ योगों में भगवान विष्णु की पूजा करने से मिलेगा अखंड सौभाग्य का वरदान, जान लें पूजा सामग्री और विधि
Aja Ekadashi 2025: अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से करने का विधान है। अब ऐसे में इस साल अजा एकादशी के व्रत के दिन कई शुभ योग बनने जा रहे हैं। इस दौरान पूजा करने से व्यक्ति को उत्तम फलों की प्राप्ति हो सकती है। आइए इस लेख में विस्तार से जानते हैं।
Aja Ekadashi 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि के दिन रखी जाती है। इस दिन विशेष रूप से भगवान विष्णु की पूजा विधिवत रूप से की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि अगर किसी जातक के जीवन में किसी तरह की कोई समस्या आ रही है तो इस अजा एकादशी के दिन पूजा-पाठ करने से लाभ हो सकता है। आपको बता दें, इस साल अजा एकादशी का व्रत 19 अगस्त को रखा जाएगा। इस दिन भगवान विष्णु से मांगी हुई सभी मुरादें पूरी हो जाती है। अब ऐसे में इस साल अजा एकादशी के दिन कुछ ऐसे योगों का निर्माण होने जा रहा है। जिसमें पूजा-पाठ करने से लाभ हो सकता है। आइए इस लेख में पूजा विधि और सामग्री के बारे में विस्तार से जानते हैं।
अजा एकादशी के दिन बन रहे हैं विशेष योग
अजा एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग के साथ-साथ सिद्ध योग बनने जा रहा है। पौराणिका मान्यताओं के अनुसार ऐसा कहा जाता है कि इस दिन कोई भी काम करने से व्यक्ति को तिगुनी योगों की प्राप्ति हो सकती है। इस दिन कोई भी नया काम आप शुरू करना चाह रहे हैं तो आप कर सकते हैं। इससे आपको स्थायी लाभ हो सकता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति हो सकती है। इस दौरान अगर आप दान-पुण्य करते हैं तो व्यक्ति को सुख-सौभाग्य की प्राप्ति हो सकती है।
अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए सामग्री
अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए सामग्री के बारे में विस्तार से जान लें।
- भगवान विष्णु की प्रतिमा
- पीला आसन
- पीले कपड़े
- पीले फूल
- धूप और दीप
- चंदन
- अक्षत
- तुलसी दल
- पंचामृत
- कपूर
- दक्षिणा
- गंगाजल
- नारियल,सुपारी,लौंग
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अजा एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा विधि
- ब्रह्म मुहूर्त में उठकर व्रत संकल्प लें। इस दिन आप भगवान विष्णु के साथ अपने दिन की शुरूआत करें।
- इस दिन भगवान विष्णु की प्रतिमा को चौकी पर स्थापित करें।
- चौकी पर स्थापित करने के बाद आप पंचामृत से भगवान विष्णु का अभिषेक करें। उसके बाद आप दन, आभूषण, फूलों की माला आदि भगवान विष्णु को चढ़ाएं।
- उसके बाद आप भगवान विष्णु को पीले मिठाई का भोग लगाएं।
- भोग लगाने के बाद आप विष्णु सहस्रनाम, विष्णु चालीसा का पाठ करें।
- विष्णु चालीसा का पाठ करने के बाद आप अजा एकादशी की व्रत कथा पढ़ें।
- व्रत कथा पढ़ने के बाद आप भगवान विष्णु की आरती करें।
- इस दिन रात्रि में सोना वर्जित माना जाता है। इस दिन आप रात्रि के समय जागरण करें और अगले दिन दान-पुण्य करें और फिर व्रत का पारण करें।
Published By : Aarya Pandey
पब्लिश्ड 18 August 2025 at 18:26 IST