अपडेटेड 16 July 2024 at 21:00 IST

Chaturmas Niyam: जीवन के हर सुख का उठाना चाहते हैं लाभ? तो चातुर्मास में इन चीजों से करें परहेज

चातुर्मास (Chaturmas) के दौरान कुछ नियमों का पालन करना बहुत ही जरूरी होता है। अगर आप भी जीवन के सभी सुख पाना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखें।

चातुर्मास के नियम | Image: instagram

Chaturmas Niyam 2024: चातुर्मास के आरंभ होने में बस एक रात का फर्क है, इसके बाद इसकी शुरुआत हो जाएगी। इस दौरान जहां शुभ और मांगलिक कार्यों की मनाही होती है, वहीं कुछ नियमों का विशेष तौर पर पालन करने की सलाह दी जाती है। ऐसी मान्यता है कि चातुर्मास के नियमों का पालन करने से जगत के पालनहार श्रीहरि विष्णु प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं। वहीं इस दौरान कुछ चीजों का परहेज करने की सलाह दी जाती है। तो चलिए जानते हैं कि चातुर्मास में किन चीजों का परहेज करना चाहिए और इससे क्या फायदा होता है।

हर साल चातुर्मास (Chaturmas 2024) की शुरुआत देवशयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) से होती है। इस बार इसकी शुरुआत 17 जुलाई दिन बुधवार से हो रही है। जिसका समापन 12 नवंबर दिन मंगलवार को देवउठनी एकादशी पर होगा। शास्त्रों में चातुर्मास को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी होता है, साथ ही कुछ चीजों से परहेज भी बताया है, तो चलिए जानते हैं।

चातुर्मास में इन चीजों का करें परहेज

चातुर्मास में दही, तेल, बैंगन, पान, पत्तेदार सब्जियां, चीनी, मसालेदार भोजन, मांस, शराब जैसी चीजों का सेवन भूलकर भी नहीं करना चाहिए। वहीं इन सभी चीजों को छोड़ने से होने वाले फायदो के बारे में भी बताया गया है। मान्यता है कि चातुर्मास में पान छोड़ने से भोग, दही छोड़ने से गोलोक और नमक छोड़ने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। इसके अलावा चातुर्मास के दौरान काले और नीले रंग के कपड़े भी नहीं पहनने चाहिए।

चातुर्मास के नियम

  • चातुर्मास के नियम के मुताबिक इन दिनों में सूर्योदय से पहले उठकर भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
  • इन दनों में मन में बुरे विचार और बातों को नहीं लाना चाहिए।
  • चातुर्मास में क्रोध और वाणी पर नियंत्रण रखना चाहिए। साथ ही दूसरों के बारें में बुरा बोलने से बचना चाहिए।
  • मान्यता है कि चातुर्मास के दौरान एक समय भोजन करना चाहिए, फर्श पर सोना चाहिए और व्रत, जप, तप, साधना और योग करना चाहिए।
  • इन महीनों में भगवान विष्णु शयनकाल में होते हैं। इसलिए इस दौरान विवाह, सगाई, गृह प्रवेश जैसे शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। 

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Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सिर्फ अलग-अलग सूचना और मान्यताओं पर आधारित है। REPUBLIC BHARAT इस आर्टिकल में दी गई किसी भी जानकारी की सत्‍यता और प्रमाणिकता का दावा नहीं करता है।

Published By : Sadhna Mishra

पब्लिश्ड 16 July 2024 at 21:00 IST