अपडेटेड 27 May 2025 at 12:45 IST
‘अभी तो मैंने ज्यादा कुछ किया नहीं है...', सिंधु जल समझौते पर पीएम मोदी ने इशारों में कह दी वो बात कि पाकिस्तान की उड़ जाएगी
पीएम मोदी के इस बयान से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर की चिंता बढ़ सकती है, क्योंकि इस ट्रीटी के तहत पाकिस्तान को सिंधु नदी प्रणाली से सबसे ज्यादा लाभ मिलता रहा है।
PM Modi on Indus Water Treaty: 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पहली बार गुजरात के दौरे पर हैं। आज गांधीनगर में पीएम मोदी के गुजरात दौरे का दूसरा दिन है ने शानदार रोड शो किया। में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पाकिस्तान को लेकर सख्त रुख अपनाया। अपने भाषण में उन्होंने 1960 की इंडस वॉटर ट्रीटी का ज़िक्र करते हुए संकेत दिए कि भारत अब पुराने और एकतरफा समझौतों पर पुनर्विचार करने को तैयार है। पीएम मोदी ने कहा कि दशकों पुरानी इस संधि की बारीकियों को अब देश को समझने की जरूरत है और वक्त आ गया है जब 'देशहित में नए फैसले लिए जाएं।' भले ही उन्होंने सीधे तौर पर पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन उनके बयान को साफ तौर पर पाकिस्तान के लिए चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है।
सियासी विश्लेषकों का मानना है कि पीएम मोदी के इस बयान से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और आर्मी चीफ जनरल आसिम मुनीर की चिंता बढ़ सकती है, क्योंकि इस ट्रीटी के तहत पाकिस्तान को सिंधु नदी प्रणाली से सबसे ज्यादा लाभ मिलता रहा है। यह बयान ऐसे वक्त में आया है जब भारत-पाकिस्तान संबंध तनावपूर्ण दौर से गुजर रहे हैं और भारत की नीति में ‘पानी पर अधिकार’ को लेकर सख्ती साफ झलक रही है। जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने इंडस वॉटर ट्रीटी को लेकर बड़ा बयान दिया। उन्होंने कहा, '1960 में जो इंडस वॉटर ट्रीटी हुई थी, अगर उसकी बारीकी में जाएंगे तो चौंक जाएंगे। इस समझौते में यह तक तय किया गया था कि जम्मू-कश्मीर में जो डैम बने हैं, उनकी सफाई तक नहीं की जाएगी।' पीएम मोदी ने आगे कहा, '60 साल तक उन डैम के गेट तक नहीं खोले गए। सोचिए, ये किस तरह का समझौता था।'
अभी तो हमने इस संधि को ठंडे बस्ते में रखा है...
प्रधानमंत्री के इस बयान को पाकिस्तान के साथ जल बंटवारे की पुरानी व्यवस्था पर सवाल उठाने के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही यह भी संकेत मिल रहे हैं कि भारत अब इन पुराने, असमान समझौतों को फिर से परखने और बदलाव की दिशा में सोच रहा है। गुजरात दौरे के दौरान गांधीनगर में एक जनसभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडस वॉटर ट्रीटी पर दो टूक शब्दों में कहा,'अभी तो मैंने ज्यादा कुछ किया नहीं है... सिर्फ इतना कहा है कि इस संधि को 'अबेयन्स' (ठंडे बस्ते) में रखा गया है।'
अभी तो हमने डैम के गेट खोलकर थोड़ा कचरा निकाला है...
पीएम मोदी ने आगे कहा,'हमने तो अभी सिर्फ डैम के गेट खोलकर थोड़ा कचरा निकाला है... और इतने में ही वहां (पाकिस्तान) पसीना छूटने लगा है, बाढ़ जैसे हालात बनने लगे हैं।'पीएम मोदी का यह बयान न सिर्फ जल संसाधनों पर भारत की नई रणनीति का संकेत देता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि अब भारत पुराने जल-बंटवारे के समझौतों को आंख मूंदकर मानने के मूड में नहीं है। उनके इशारों को पाकिस्तान के लिए स्पष्ट चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है।
Published By : Ravindra Singh
पब्लिश्ड 27 May 2025 at 12:40 IST