अपडेटेड 30 August 2025 at 20:50 IST

अब Donald Trump नहीं नरेंद्र मोदी कराएंगे रूस-यूक्रेन की सुलह? राष्ट्रपति जेलेंस्की ने PM को फोन पर बताया पूरा हाल

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और पीएम मोदी ने फोन पर बात की है। दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर चर्चा की और भारत ने यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान का समर्थन किया है।

राष्ट्रपति जेलेंस्की ने PM Modi को किया फोन | Image: ANI

Russia Ukraine War : चीन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की मुलाकात से पहले यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की पीएम मोदी से फोन पर बात की है। दोनों नेताओं ने रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध पर चर्चा की है। पीएम मोदी और जेलेंस्की के बीच ये बातचीत ऐसे समय में हुई जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शांति स्थापित करने की प्रयास नाकाफी साबित हुए।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज ही शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए चीन के तिआनजिन पहुंच हैं। पीएम मोदी चीन में राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात करेंगे। इससे पहले जेलेंस्की ने पीएम मोदी को फोन कर चल रहे संघर्ष के बारे में जानकारी दी है। इसकी जानकारी खुद शेयर कर हुए पीएम मोदी ने X पर यूक्रेन संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के लिए भारत के समर्थन की पुष्टि की है।

तत्काल युद्धविराम की मांग

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने फोन पर हुई बातचीत के बारे में जानकारी देते हुए X लिखा कि उन्होंने पीएम मोदी को वाशिंगटन में राष्ट्रपति ट्रंप के साथ यूरोपीय नेताओं की भागीदारी वाली बैठक के बारे में जानकारी दी। जेलेंस्की ने मांग की है कि इस युद्ध का अंत तत्काल युद्धविराम और आवश्यक शांति से होना चाहिए। उन्होंने लिखा कि भारत आवश्यक प्रयास करने और शिखर सम्मेलन से इतर बैठकों के दौरान रूस और अन्य नेताओं को उचित संकेत देने के लिए तैयार है।

क्या मोदी कराएंगे रूस-यूक्रेन की सुलह?

दोनों नेताओं के बीच हुई इस बातचीत में जेलेंस्की ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के ताजा हालात और शांति के लिए भारत की भूमिका पर चर्चा की। यह फोन कॉल ऐसे समय में हुई जब भारत को रूसी तेल खरीदने के कारण अमेरिका से 50% टैरिफ लगाया है और भारत की स्थिति जटिल है। भारत ने रूस के साथ अपने आर्थिक और कूटनीतिक संबंधों को बनाए रखा है, जिसके तहत वह रूस से तेल और कोयले का बड़ा खरीदार बना हुआ है।

दूसरी ओर, भारत ने बार-बार युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत और कूटनीति की वकालत की है। इस बातचीत का समय भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच 15 अगस्त को अलास्का में हुई मुलाकात के बाद हुई है। ऐसे में सवाल है कि क्या पीएम मोदी इस स्थिति में दोनों देशों के बीच शांति कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं? इस बीच, भारत ने अपनी स्थिति स्पष्ट की है कि वह युद्ध के बजाय शांति के पक्ष में है और सभी प्रयासों का समर्थन करता है, जो इस दिशा में ले जाते हैं।

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Published By : Sagar Singh

पब्लिश्ड 30 August 2025 at 20:27 IST