अपडेटेड 27 November 2025 at 14:37 IST

PM मोदी ने स्काईरूट के 'इनफिनिटी कैंपस' का उद्घाटन किया, 'विक्रम-I' ऑर्बिटल रॉकेट का भी किया अनावरण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हैदराबाद में भारतीय स्पेस स्टार्ट-अप स्काईरूट इनफिनिटी कैंपस का उद्घाटन किया।

PM Modi | Image: X

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हैदराबाद में भारतीय स्पेस स्टार्ट-अप स्काईरूट इनफिनिटी कैंपस का उद्घाटन किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा, 'आज देश स्पेस सेक्टर में एक अभूतपूर्व अवसर का साक्षी बन रहा है। आज भारत के स्पेस इकोसिस्टम में, प्राइवेट सेक्टर बड़ी उड़ान भर रहा है। स्काईरूट का इनफिनिटी कैंपस, भारत की नई सोच, इनोवेशन और सबसे बड़ी बात यूथ पावर का प्रतिबिंब है। हमारी युवाशक्ति की इनोवेशन, रिस्‍क लेने की क्षमता और entrepreneurship, आज नई बुलंदी छू रही है और आज ये कार्यक्रम, इस बात का प्रतिबिंब है कि आने वाले समय में भारत Global Satellite Launch Ecosystem में एक लीडर बनकर उभरेगा। 

पीएम मोदी ने पवन कुमार चंदना और नागा भरत डाका को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आप दोनों नौजवान देश के अनेक Young Space Entrepreneurs, हर युवा के लिए बहुत बड़ी प्रेरणा है। आप दोनों युवाओं ने खुद पर भरोसा किया, आप रिस्क उठाने में पीछे नहीं रहे। और इसका परिणाम आज पूरा देश देख रहा है, देश आप पर गौरव कर रहा है, गर्व कर रहा है।

‘ISRO ने दशकों तक भारत की स्पेस यात्रा को नई उड़ान दी है’

पीएम मोदी ने कहा, भारत की अंतरिक्ष यात्रा बहुत सीमित संसाधनों से शुरू हुई थी। लेकिन हमारी महत्वाकांक्षाएं कभी भी सीमित नहीं रहीं। वो भी एक जमाना था, एक साइकिल पर रॉकेट का हिस्सा ले जाने से लेकर, दुनिया के सबसे भरोसेमंद launch vehicle तक भारत ने सिद्ध किया है कि सपनों की ऊंचाई संसाधन से नहीं, संकल्प से तय होती है। ISRO ने दशकों तक भारत की स्पेस यात्रा को नई उड़ान दी है। Credibility, Capacity और Value, हर प्रकार से भारत ने अपनी अलग पहचान बनाई है।

उन्‍होंने कहा, हम सब जानते हैं कि बदलते हुए इस समय में स्पेस सेक्टर का कितना विस्तार हो रहा है। ये communication, agriculture, marine monitoring, urban planning, weather prediction और national security का आधार बन चुका है और इसलिए ही हमने भारत के स्पेस सेक्टर में ऐतिहासिक रिफॉर्म्स किए। सरकार ने स्पेस सेक्टर को प्राइवेट इनोवेशन के लिए ओपन किया, नई Space Policy तैयार की गई। हमने स्टार्टअप्स को, इंडस्ट्री को, इनोवेशन के साथ जोड़ने का प्रयास किया। 

पीएम मोदी ने कहा कि, हमने IN-SPACe की स्थापना की, अपने स्टार्टअप्स के लिए ISRO की facilities और technology को उपलब्ध कराया। यानी, भारत ने बीते 6-7 वर्षों में ही अपने स्पेस सेक्टर को एक ओपन, को-ऑपरेटिव और इनोवेशन-ड्रिवन इकोसिस्टम में बदल दिया है। आज के ये कार्यक्रम में हमें इसी की झलक दिखाई दे रही है, और गर्व की अनुभूति हो रही है।

आज ये Zen-G बना रहे नई-नई टेक्नोलॉजी

भारत का युवा देशहित को सर्वोपरि रखकर चलता है। वो हर अवसर का सही इस्तेमाल करता है। जब सरकार ने स्पेस सेक्टर को ओपन किया, तो देश के युवा और खासकर हमारे जेन-जी यूथ इसका भरपूर फायदा उठाने के लिए आगे आ गए। आज भारत के 300 से अधिक स्पेस स्टार्टअप्स, भारत के स्पेस फ्यूचर को नई उम्मीदें दे रहे हैं। और इसमें भी खास ये कि हमारे अधिकार, और हमारे अधिकतर स्पेस स्टार्टअप्स, इसकी शुरुआत बहुत छोटी टीम से हुई है। और मुझे इन सबको पिछले 5-6 साल में लगातार मिलने का अवसर मिला है। 

कभी दो लोग, कभी पाँच साथी, कभी एक छोटा-सा किराए का कमरा। टीम छोटी थी, संसाधन सीमित थे, लेकिन इरादे नई बुलंदी छूने के हैं। यही वो भावना है, जिसने भारत में Private Space Revolution को जन्म दिया है। आज ये जेन-जी engineers, जेन-जी designers, जेन-जी coders और जेन-जी scientists, नई-नई टेक्नोलॉजी बना रहे हैं। Propulsion systems हों, composite materials हों, rocket stages हों, satellite platforms हों, भारत का युवा आज उन क्षेत्रों में काम कर रहा है, जिनकी कुछ साल पहले कल्पना भी संभव नहीं थी। भारत का private space talent पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान बना रहा है। आज ग्लोबल इन्वेस्टर्स के लिए भारत का स्पेस सेक्टर एक attractive destination बन रहा है।

‘छोटे satellites की डिमांड लगातार बढ़ रही’

आज दुनिया में छोटे satellites की डिमांड लगातार बढ़ रही है। Launch frequencies भी बढ़ रही हैं। नई-नई कंपनियाँ satellite services देने लगी हैं। और space अब एक strategic asset के रूप में जगह बना चुका है। इसलिए, आने वाले वर्षों में global space economy कई गुणा बढ़ने वाली है। ये भारत के युवाओं के लिए बहुत बड़ा अवसर है।

पीएम मोदी ने कहा, भारत के पास स्पेस सेक्टर में जो capability है, वैसी capability दुनिया में केवल कुछ ही देशों के पास है। हमारे पास expert engineers हैं, high-quality manufacturing ecosystem है, world-class launch sites हैं, और innovation को प्रोत्साहन करने वाला mindset है। भारत की space capability cost-effective भी है, और reliable भी है। इसी वजह से दुनिया की भारत से बहुत अधिक उम्मीदें हैं। Global companies, भारत में satellites बनाना चाहती हैं, भारत से launch services लेना चाहती हैं, भारत के साथ technology partnership चाहती हैं। और इसलिए हमें इस समय का ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाना चाहिए।

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Published By : Ankur Shrivastava

पब्लिश्ड 27 November 2025 at 14:37 IST