अपडेटेड 26 October 2025 at 11:26 IST

मन की बात में PM मोदी ने दी छठ महापर्व की बधाई, छठ को बताया संस्कृति, प्रकृति और समाज के बीच की गहरी एकता का प्रतिबंब

PM Modi Mann Ki Baat: मन की बात के 127वें एपिसोड में पीएम मोदी ने देशवासियों को छठ महापर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि छठ के घाटों पर समाज का हर वर्ग एक साथ खड़ा होता है। ये दृश्य भारत की सामाजिक एकता का सबसे सुंदर उदाहरण है।

पीएम नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम को संबोधित किया। | Image: ANI

PM Modi Mann ki baat: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं। ये 'मन की बात' का 127वां एपिसोड हैं। पीएम मोदी ने देशवासियों को छठ महापर्व की बधाई दी। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस समय त्योहारों का उल्लास है। हर सबने कुछ दिन पहले दिवाली मनाई हैं। अब बड़ी संख्या में लोग छठ पूजा में व्यस्त हैं। घरों में ठेकुआ बनाया जा रहा है। जगह-जगह घाट सज रहे हैं, बाजारों में रौनक हैं। हर तरफ श्रद्धा, अपनापन और परंपरा का संगम दिख रहा है।  

मौका मिलें तो छठ उत्सव में जरूर शामिल हों- PM मोदी

उन्होंने कहा कि छठ का व्रत रखने वाली महिलाएं जिस समर्पण और निष्ठा से इस पर्व की तैयारी कर रही हैं, वो अपने आप में बहुत प्रेरणादयक है। छठ का महापर्व संस्कृति, प्रकृति और समाज के बीच की गहरी एकता का प्रतिबंब है। छठ के घाटों पर समाज का हर वर्ग एक साथ खड़ा होता है। ये दृश्य भारत की सामाजिक एकता का सबसे सुंदर उदाहरण है। आप देश और दुनिया के किसी भी कोने में हो मौका मिले तो छठ उत्सव में जरूर हिस्सा लें। एक अनोखे अनुभव को खुद महसूस करें। 

‘ऑपरेशन सिंदूर ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया’

मन की बात में पीएम मोदी ने दिवाली के मौके पर लिखी अपनी चिट्ठी का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि त्योहारों के इस अवसर पर मैंने आप सबके नाम एक पत्र लिखकर अपनी भावनाएं साझा की। मैंने चिट्ठी में देश की उन उपलब्धियों के बारे में बताया था, जिससे इस बार त्योहारों की रौनक पहले से ज्यादा हो गई। मेरी चिट्ठी के जवाब में देश के अनेक नागरिकों ने अपने संदेश भेजे। वाकई ऑपरेशन सिंदूर ने हर भारतीय को गर्व से भर दिया।

माओवादी आतंक का जड़ से खात्मा चाहते हैं लोग- PM मोदी 

उन्होंने आगे कहा कि इस बार उन इलाकों में भी खुशियों के दीप जलाए गए, जहां कभी माओवादी आतंकियों का अंधेरा छाया रहता था। लोग उस माओवादी आतंक का जड़ से खात्मा चाहते हैं, जिसने उनके बच्चों का भविष्य संकट में डाल दिया। जीएसटी बजट उत्सव को लेकर भी लोगों में काफी उत्साह है। इस बार त्योहारों में एक और सुखद बात देखने को मिली। बाजारों में स्वदेशी सामानों की खरीददारी जबरदस्त तरीके से बढ़ी है। लोगों ने मुझे जो संदेश भेजे हैं, उसमें बताया है कि इस बार उन्होंने किन स्वदेशी सामानों की खरीददारी की। मैंने अपने पत्र में खाने के तेल में 10% की कमी करने का भी आग्रह किया था। इस पर भी लोगों ने बहुत सकारात्मक रूप दिखाया है। 

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Published By : Ruchi Mehra

पब्लिश्ड 26 October 2025 at 11:15 IST