अपडेटेड 27 July 2025 at 11:45 IST
12 मराठा किलों में बसी इतिहास की गूंज को यूनेस्को की मान्यता, 'मन की बात' में PM Modi ने भारत की गौरवशाली विरासत का किया जिक्र
‘मन की बात’ के 124वें एपिसोड में पीएम मोदी ने कई मुद्दों पर अपने विचार रखे। पीएम ने हाल ही में यूनेस्को के 12 मराठा किलों को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता देने पर अपने विचार रखे।
Mann Ki Baat 124th episode : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 124वीं बार ‘मन की बात’ में देश की सफलताओं और देशवासियों की उपलब्धियों को साझा किया। उन्होंने विज्ञान और संस्कृति से लेकर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग तक अपने विचार रखे। पीएम ने कहा कि 21वीं सदी के भारत में, विज्ञान नई ऊर्जा के साथ प्रगति कर रहा है। उन्होंने देशवासियों को यूनेस्को द्वारा 12 मराठा किलों को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता देने पर भी बधाई दी।
पीएम मोदी ने भारत की गौरवशाली विरासत का जिक्र करते हुए 12 मराठा किलों को विश्व धरोहर का दर्जा मिलने, 18 साल की उम्र में देश के लिए कुर्बानी देने वाले खुदीराम बोस की अमर गाथा और छत्रपति शिवाजी महाराज की दूरदर्शिता पर विस्तार से बात की। पीएम ने कहा कि यूनेस्को से गर्व से भर देने वाली खबर आई है। यूनेस्को ने 12 मराठा किलों को विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता दी है। महाराष्ट्र में 11 किले और तमिलनाडु का एक किला शामिल है।
यूनेस्को द्वारा मान्यता प्राप्त 12 मराठा किले
महाराष्ट्र
- सालहेर किला
- शिवनेरी किला
- लोहगढ़
- खंडेरी किला
- रायगढ़
- राजगढ़
- प्रतापगढ़
- सुवर्णदुर्ग
- पन्हाला किला
- विजय दुर्ग
- सिंधुदुर्ग
तमिलनाडु
- जिंजी किला
पीएम मोदी ने कहा कि हर किले के साथ इतिहास का एक अध्याय जुड़ा है। हर पत्थर एक ऐतिहासिक घटना का गवाह है।
- साल्हेर किला- जहां मुगलों को हराया गया
- शिवनेरी- जहां छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ। एक ऐसा किला जो दुश्मन के लिए अभेद्य है।
- खांदेरी किला- समुद्र के बीच में बना एक अद्भुत किला।
- प्रतापगढ़ किला- जहां अफजल खान को हराया गया, उस गाथा की गूंज आज भी किले की दीवारों में बसी है।
- विजयदुर्ग- जिसमें गुप्त सुरंगें थीं, छत्रपति शिवाजी महाराज की दूरदर्शिता का प्रमाण है।
दूसरे किलों पर मन बात
पीएम मोदी ने दूसरे राज्यों के किलों का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के अन्य हिस्सों में भी ऐसे अद्भुत किले हैं, जिन्होंने हमलों का सामना किया, मौसम की मार झेली, लेकिन कभी अपने स्वाभिमान को झुकने नहीं दिया। राजस्थान के चित्तौड़गढ़ किला, कुम्भलगढ़ किला, रणथम्भौर किला, आमेर किला, जैसलमेर किला विश्व प्रसिद्ध हैं। कर्नाटक में गुलबर्गा किला भी बहुत बड़ा है। चित्रदुर्ग किले की विशालता आपको यह सोचने पर मजबूर कर देगी कि उस समय यह किला कैसे बनाया गया होगा!
बांदा, उत्तर प्रदेश में कालिंजर किला है। महमूद गजनवी ने इस किले पर कई बार हमला किया और हर बार असफल रहा। बुंदेलखंड में कई ऐसे किले हैं - ग्वालियर, झांसी, दतिया, अजयगढ़, गढ़कुंडार, चंदेरी। ये किले सिर्फ ईंट और पत्थर नहीं हैं; ये हमारी धरोहर के प्रतीक हैं। इन किलों की ऊंची दीवारों से आज भी संस्कार और स्वाभिमान झांकते हैं। मैं सभी देशवासियों से आग्रह करता हूं कि इन किलों को देखें, इनका इतिहास जानें, गर्व महसूस करें।
Published By : Sagar Singh
पब्लिश्ड 27 July 2025 at 11:38 IST