अपडेटेड 12 July 2025 at 16:10 IST
पुरानी चप्पल और जूते बिगाड़ सकते हैं आपकी सेहत! कब और कितने समय बाद बदलना चाहिए Shoes और Slippers?
पुरानी चप्पलों का इस्तेमाल आपकी सेहत बिगाड़ सकता है। जानिए कब बदलनी चाहिए चप्पल और पुराने जूतों से होने वाले नुकसान।
Old Footwear health risks: पुरानी चप्पलों का इस्तेमाल आपकी सेहत पर भारी पड़ सकता है। चप्पलों या जूतों को लंबे समय तक पहनने से न सिर्फ आरामदायक अनुभव कम होता है, बल्कि इससे पैरों, एड़ियों और रीढ़ की हड्डी तक पर असर पड़ सकता है। इसलिए हर 8 से 12 महीने में चप्पल या जूते बदल देना चाहिए। खासकर अगर आप चलने या दौड़ने जैसे शारीरिक गतिविधियों में शामिल रहते हैं, तो यह समय और भी कम हो सकता है।
ज्यादा पुराने जूतों-चप्पल पहनने से उनकी कुशनिंग कम हो जाती है, झटकों का असर सीधे पैरों और घुटनों पर पड़ता है। मध्य तले (Midsole) की कुशनिंग वक्त के साथ दबने लगती है, जिससे सपोर्ट खत्म हो जाता है और तलवे का घिसाव आपके चाल-ढाल को बिगाड़ सकता है, जिससे शरीर के संरेखण पर असर पड़ता है। इसके साथ ही पैरों में दर्द और पीठ दर्द जैसे लक्षण भी उभर सकते हैं।
घिसे हुए चप्पलों की पहचान कैसे करें?
तलवे का असमान घिसाव: अगर चप्पल एक तरफ ज्यादा झुकी हो या तले की पकड़ खत्म हो गई हो। मिडसोल में झुर्रियां दिखती हो, ऊपरी सतह पर फटाव या अंदरूनी हिस्से में छिलाव दिखें और आराम में कमी महसूस होने पर आपको अंदाजा हो जाता है कि अब ये चप्पल या चूता बदल देना चाहिए। दरअसल AIIMS और NCBI जैसी चिकित्सा संस्थाओं की रिपोर्टों में भी यह पुष्टि की गई कि पुराने जूते पहनने से Musculoskeletal Disorders का खतरा बढ़ता है। मस्कुलोस्केलेटल यानी मांसपेशियों और कंकाल तंत्र से संबंधित विकार हो जाना।
समाधान क्या है?
हर 6 महीने में चप्पलों की जांच करें। रोजाना उपयोग वाले जूतों को ज्यादातर 700 किलोमीटर चलने के बाद बदलने की सलाह दी जाती है। अपने पैर की बनावट और गतिविधि के अनुसार जूते का चयन करें। अगर आपके जूते सपोर्ट और आराम नहीं दे रहे हैं, तो यह वक्त है उन्हें बदलने का। सही समय पर जूते बदलना न सिर्फ आरामदायक अनुभव देता है, बल्कि दीर्घकालिक स्वास्थ्य लाभ भी सुनिश्चित करता है।
Published By : Nidhi Mudgill
पब्लिश्ड 12 July 2025 at 16:07 IST