अपडेटेड 25 September 2024 at 12:37 IST
Mpox Clade 1B variant: केरल में पहला केस मिलने से हड़कंप, क्या हैं इसके लक्षण और कितना खतरनाक?
अफ्रीकी देशों में तबाही मचाने के बाद Mpox वायरस अब भारत पहुंच गया है। केरल में Mpox Clade 1B variant के पहले केस की पुष्टि हुई है।
अफ्रीकी देशों में तबाही मचाने के बाद Mpox वायरस अब भारत पहुंच गया है। दुनिया भर में तेजी से फैल रहे मंकीपॉक्स वायरस के क्लेड-1 वेरिएंट ने अब भारत में दस्तक दे दी। इसके पहले केस की पुष्टि हुई है। क्लेड-1 वेरिएंट का पहला मामला भारत के केरल राज्य में मिला है। 38 साल के व्यक्ति में क्लेड-1 स्ट्रेन के पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई।
केरल में जिस मरीज में क्लेड-1 स्ट्रेन की पुष्टि हुई है वो हाल ही में UAE से यात्रा करके लौटा था। केरल का यह व्यक्ति क्लेड-1बी से पीड़ित होने वाला देश का पहला व्यक्ति है। इससे पहले दिल्ली में क्लेड-2 स्ट्रेन के मामले सामने आए थे। ये मरीज भी विदेश यात्रा से लौटे थे। बता दें कि अफ्रीका में फैल रहे मंकीपॉक्स वायरस के क्लेड-1 वेरिएंट को WHO ने ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी घोषित किया है।
केरल में Mpox Clade 1B variant का पहला केस
स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रवक्ता मनीषा वर्मा ने इस क्लेड-1 स्ट्रेन की पुष्टि की है। केरल के मल्लपुरम में पिछले हफ्ते पहला केस आया था, जिसकी सैंपल जांच होने गई थी, जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने बाद Mpox Clade 1B वैरिएंट की पहले केस की पुष्टि हुई है। अब केरल में मिले इस मरीज को लेकर देशभर में लोगों की टेंशन बढ़ गई है क्योंकि यह खतरनाक वायरस अफ्रीकी देशों में काफी तेजी से फैल रहा है।
एमपॉक्स क्लेड 1 वैरिएंट क्या है?
Mpox को शुरू में दो अलग-अलग क्लेड में विभाजित किया गया है- क्लेड 1 और क्लेड 2। विशेषज्ञों का दावा है कि क्लेड 1 एमपॉक्स का सबसे घातक वैरिएंट है और यह वैश्विक प्रकोप 2022 के लिए जिम्मेदार वायरस है। क्लेड 2 एमपॉक्स संक्रमण कम गंभीर हैं; संक्रमित व्यक्तियों में से 99.9 प्रतिशत से अधिक बीमारी से ठीक हो जाते हैं।
अफ्रीकी देश में Mpox वायरस का कहर
अफ्रीकी देश कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य का पूर्वी क्षेत्र वह जगह है जहां क्लेड 1बी स्ट्रेन की शुरुआत हुई थी। फॉर्च्यून की एक रिपोर्ट के अनुसार, कांगो के दक्षिण किवु प्रांत में खनन शहर कामिटुगा वह जगह है जहां एमपॉक्स क्लेड 1बी का प्रकोप शुरू हुआ था। बाद में यह रवांडा, केन्या, बुरुंडी और युगांडा जैसे पड़ोसी देशों में भी फैल गया।
एक्सपर्ट बताते है कि एमपॉक्स क्लेड 1बी पहले के स्ट्रेन की तुलना में अधिक आसानी से फैलता है। इसके अलावा, क्लेड 1 प्रजाति को अधिक घातक बताया गया है, जिसकी मृत्यु दर तीन प्रतिशत है। एमपॉक्स वायरस पॉक्सविरिडे फैमिली से है, जिसमें ऑर्थोपॉक्स, वेरियोला, काउपॉक्स, वैक्सीनिया और अन्य वायरस शामिल हैं।
एमपॉक्स क्लेड 1 वैरिएंट के लक्षण
इस किस्म के लक्षण संक्रमण के एक से इक्कीस दिन बाद कहीं भी दिखाई दे सकते हैं, हालांकि वे अक्सर एक सप्ताह के भीतर ही दिखाई देते हैं। Mpox वायरस के कारण त्वचा पर लाल चकत्ते, उसके बाद मवाद से भरे छाले, तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, कमजोरी लगना, गले में खराश जैसे लक्षण महसूस होते हैं।
Mpox Clade 1B वैरिएंट मध्य अफ्रीका में सबसे ज्यादा केस मिले हैं। WHO के अनुसार, इस साल अब तक अफ्रीका में मंकीपॉक्स के 30,000 से अधिक संदिग्ध मामले सामने आए हैं। इनमें सबसे ज्यादा केस कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में हैं। यूएन की हेल्थ एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि पूरे महाद्वीप में 800 से अधिक लोगों की मौत मंकीपॉक्स से हुई है।
Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं। REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।
Published By : Rupam Kumari
पब्लिश्ड 25 September 2024 at 12:37 IST