अपडेटेड 6 April 2025 at 21:42 IST

Cataract: मोतियाबिंद क्या है? जानें लक्षण और कारण

Motiyabind Ke Karan: मोतियाबिंद होने के कारण क्या हैं? मोतियाबिंद होने का मुख्य कारण क्या है? जानें...

Cataract: मोतियाबिंद क्या है? जानें लक्षण और कारण | Image: freepik ai

Motiyabind Ke Karan: आज के समय में ज्यादातर लोगों को सेहत से जुड़ी कई समस्याएं हो रही हैं। ऐसा खराब जीवन शैली और खान-पान के गलत आदतों के कारण हो रही हैं। उन्हीं समस्याओं में कुछ समस्याएं आंखों से जुड़ी भी हैं। जी हां आंखों की समस्याएं न केवल देर तक फोन चलाने के कारण हो रही है बल्कि देर तक स्क्रीन के सामने बैठने के चलते भी हो रही है। ऐसे में बता दें कि इन्हीं समस्याओं में से एक है मोतियाबिंद की समस्या। जब किसी व्यक्ति को मोतियाबिंद की समस्या होती है तो इस कारण उसे काफी कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में इन परिस्थितियों के बारे में पता होना जरूरी है। 

आज का हमारा लेख इसी विषय पर है। आज हम आपको अपने इस लेख के माध्यम से बताएंगे कि जब किसी व्यक्ति को मोतियाबिंद की समस्या होती है तो उसके क्या कारण व लक्षण हो सकते हैं। पढ़ते हैं आगे… 

मोतियाबिंद क्या है? (Motiyabind Kya hai?) 

सबसे पहले जानते हैं मोतियाबिंद किसे कहते हैं। बता दें कि ये आंखों से संबंधित रोग है, जिसमें आंखों की रोशनी कम होने लगती है। व्यक्ति को धुंधला दिखाई देता है। ये रोग जब उम्र बढ़ती है तब होता है। हालांकि आज के समय में कम उम्र के बच्चे या लड़के लड़कियां भी इसका शिकार हो रहे हैं। ये रोग एक आंख में भी प्रभाव डाल सकता है या आपकी दोनों आंखों में भी हो सकता है। वहीं ये रोग धीरे-धीरे विकसित होता है। हालांकि यह समस्या होने पर किसी भी प्रकार का दर्द नहीं होता। ऐसे में अगर मोतियाबिंद के शुरुआत में इसका इलाज कराया जाए तो निजात पाई जा सकती है। लेकिन व्यक्ति को इस समस्या को हल्के में नहीं लेना चाहिए। 

मोतियाबिंद होने के कारण क्या हैं? (Motiyabind Ke Karan kya hai?) 

  • अगर इसके कारणों की बात करें तो बता दें कि यह 40 की उम्र के बाद लेंस में बदलाव शुरू होने के कारण होता है। 
  • वहीं जब व्यक्ति की उम्र 55 से 60 के बीच में होती है या 60 के बाद चली जाती है तो यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। 
  • जब किसी व्यक्ति को डायबिटीज की समस्या होती है तब भी उसे मोतियाबिंद की समस्या जल्दी हो सकती है। ऐसे में डायबिटीज रोगियों को समय-समय पर अपना चेकअप करवाना चाहिए। यह ब्लड में शुगर की मात्रा ज्यादा होने के कारण हो सकती है।  
  • मोतियाबिंद की समस्या जेनेटिक भी होती है। जब किसी व्यक्ति के माता-पिता को या परिवार में किसी अन्य व्यक्ति को मोतियाबिंद की समस्या होती है तो यह आपको भी हो सकता है। 
  • इसके अलावा जब व्यक्ति ज्यादा देर तक धूप में रहता है यानी सूरज की अल्ट्रावायलेट किरणों के संपर्क में रहता है तब भी उसकी आंखों को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में व्यक्ति को धूप में सनग्लासेस का इस्तेमाल करना चाहिए। 

मोतियाबिंद के लक्षण क्या हैं? (Motiyabind Ke lakshan kya hain?) 

अगर मोतियाबिंद के लक्षणों की बात करें तो बता दें कि यह समस्या होने पर व्यक्ति को रात में गाड़ी चलाने में दिक्कत महसूस हो सकती है। इससे अलग व्यक्ति को धुंधला दिखने जैसे लक्षण नजर आ सकते हैं। इसके अलावा जिस व्यक्ति को मोतियाबिंद होता है वह प्रकाश से या चमक के प्रति संवेदनशील हो जाता है। व्यक्ति को देखने की क्षमता कम हो जाती है। उसे रंग भी हल्के हल्के दिखाई देते हैं। उसे धुंधली चीजें नजर आती हैं। ऐसा लगता है कि वह पढ़ने लिखने में भी मुश्किल महसूस करता है।  

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Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधियां, तरीके और दावे अलग-अलग जानकारियों पर आधारित हैं।  REPUBLIC BHARAT आर्टिकल में दी गई जानकारी के सही होने का दावा नहीं करता है। किसी भी उपचार और सुझाव को अप्लाई करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें।

Published By : Garima Garg

पब्लिश्ड 6 April 2025 at 21:42 IST