अपडेटेड 21 December 2025 at 13:33 IST
क्यों हुई RSS की स्थापना? मोहन भागवत ने बताया, संघ को बीजेपी के चश्मे से नहीं देखने की भी अपील
मोहन भागवत ने कहा कि संघ को सिर्फ एक सेवा संगठन मानना बड़ी भूल होगी। संघ को बीजेपी के नजरिये से समझना पूरी तरह गलत है।
Mohan Bhagwat: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 'आरएसएस 100 व्याख्यान माला' कार्यक्रम को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने लोगों से अपील की कि वह संघ को बीजेपी के चश्मे से न देखें।
कोलकाता में मोहन भागवत ने कहा कि संघ का उद्देश्य देश को विश्व गुरु बनाने का है। इसे किसी राजनीतिक विचारधारा से जोड़ना गलत है।
क्यों हुई RSS की स्थापना?
भागवत ने आगे कहा कि संघ का प्रारंभ क्यों हुआ, किस लिए हुआ? एक ही वाक्य में उत्तर है, भारत माता की जय। यहां भारत सिर्फ एक देश नहीं, बल्कि एक विशेष स्वभाव और परंपरा का नाम है। हमारा मकसद उस परंपरा को कायम रखते हुए भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए समाज को तैयार करना है।
'संघ राजनीतिक उद्देश्य के लिए नहीं बना'
वह कहते हैं, 'संघ किसी राजनीतिक उद्देश्य के लिए नहीं बना, न ही यह किसी की स्पर्धा में चला। संघ किसी परिस्थिति की प्रक्रिया में नहीं शुरू हुआ और न ही किसी के विरोध को मन में लेकर खड़ा है। इसका उद्देश्य हिंदुओं का विकास करना है।'
मुठ्ठी भर अंग्रेजों ने हमें परास्त किया- भागवत
उन्होंने ऐतिहासिक संदर्भ में कहा कि 'पहले कई प्रयास हुए। 1857 में अंग्रेजों के खिलाफ देशव्यापी संघर्ष हुआ, लेकिन हम उसमें हार गए। हार के बाद तत्कालीन नेताओं में विचार मंथन शुरू हुआ कि अपने देश में इतने प्रभावी राजा, सेनाएं और योद्धा थे। उसके बाद भी मुठ्ठी भर अंग्रेजों ने हमें परास्त कर दिया। ऐसा क्यों हुआ? मंथन में एक उत्तर मिला कि अब हार गए तो क्या हुआ फिर से सशस्त्र प्रतिकार करना चाहिए। अंग्रेजों को सशस्त्र क्रांति से ही भगाया जा सकता है।'
स्वतंत्रता संग्राम की विभिन्न धाराओं का किया जिक्र
मोहन भागवत ने स्वतंत्रता संग्राम की विभिन्न धाराओं को याद करते हुए कहा कि राजाओं और आर्मी ने लड़ाई लड़ी, लेकिन समाज का पूरी तरह से साथ नहीं मिल पाया। कई लड़ाई लड़े और कुछ जेल गए, जबकि कुछ ने सत्याग्रह में चरखा चलाया। एक अन्य वर्ग का मानना था कि पहले समाज में सुधार होना चाहिए और फिर स्वतंत्रता मिलनी चाहिए। उनमें से एक राजा राममोहन राय थे। वहीं स्वामी विवेकानंद और दयानंद स्वामी मानते थे समाज को एकजुट करने की जरूरत है।
संघ को बीजेपी के नजरिये से समझना गलत- भागवत
उन्होंने कहा कि संघ को लेकर गलत धारणा देने वाले भी हैं। कुछ लोगों को लगता है कि संघ के बढ़ने से उनकी दुकानें बंद हो जाएगी। साथ ही कहा कि संघ को सिर्फ एक सेवा संगठन मानना बड़ी भूल होगी। संघ को बीजेपी के नजरिये से समझना पूरी तरह गलत है।
Published By : Ankur Shrivastava
पब्लिश्ड 21 December 2025 at 13:33 IST