अपडेटेड 3 December 2025 at 23:09 IST
Touch Wood: लकड़ी को छूते हुए 'टच वुड' क्यों बोलते हैं लोग? जानें इसके पीछे की कहानी
टच वुड कहने के पीछे अलग अलग देशों में अलग अलग परंपरा है, जानते हैं भारत में इसका इतिहास और मनोविज्ञान क्या कहता है। जाने क्यों लोग लकड़ी छूते हैं।
Touch Wood Why We Say: बातचीत करते हुए अक्सर लोग 'टच वुड' या 'नॉक ऑन वुड' कहते नजर आते हैं। क्योंकि ये छोटा सा वाक्य सिर्फ एक मुहावरा नहीं है बल्कि सदियों पुरानी परम्पराओं, लोककथाओं और मनोवैज्ञानिक तंत्रों से आता हुआ है। जानते हैं इसके पीछे का क्या इतिहास है और इसके वैज्ञानिक कारण के साथ भारत में इसे क्यों इस्तेमाल किया जाता है।
इतिहासकारों की मानें तो, 'टच वुड' की जड़ें प्राचीन पगान और सेल्टिक संस्कृति में मिलती हैं। सेल्टिक लोग पेड़ों को जीवित आत्माओं का वास मानते थे, पेड़ को छूना उनके लिये दैवीय सुरक्षा की याचना थी। वहीं, ईसाई परम्परा के मुताबिक, मध्य युग में ईसा मसीह के क्रूस की लकड़ी को पवित्र माना जाता था। लोग इस लकड़ी को छूकर आशीर्वाद की कामना करते थे, जिससे यह यूरोप में फैलता चला गया।
'टच वुड' कहने से दिमाग को मिलता है ये संकेत
अगर मनोवैज्ञानिक पहलू से देखा जाए तो, 2013 में यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो के प्रकाशित एक चैप्टर में पाया गया कि, 'जब व्यक्ति 'किस्मत को ललकारने' वाले वाक्यों का इस्तेमाल करते हैं तो लकड़ी जैसी ठोस वस्तु को छूने से मस्तिष्क में डोपामिन का स्तर बढ़ता है, जिससे चिंता कम होती है और सुरक्षा की भावना बढ़ती है।' 'टच वुड' कहने से शरीर दिमाग को संकेत देता है कि वह 'बुरी किस्मत' को दूर धकेल रहा है। इसलिए इसका उलटा 'टच वुड' शुभकामना का रूप ले लेता है, जिससे लोग गुड लक बनाए रखने के लिए लड़की को छूते हैं।
दुनियाभर में लोग ऐसे बोलते हैं ‘टच वुड’
- दुनिया भर में लोग टच वुड अपने अपने स्टाइल में बोलते हैं। ब्रिटेन और भारत में लोग 'टच वुड' कहकर लकड़ी को हल्का सा छूते हैं।
- अमेरिका और कनाडा में 'नॉक ऑन वुड' कहकर लकड़ी पर ठक‑ठक करते हैं
- तुर्की में 'टैक्टिक' कहकर दो बार ठक‑ठक कर फिर कंधा पकड़ते हैं।
- ब्राजील में 'बेटर ना मदेरा' कहकर लकड़ी पर ठक‑ठक किया जाता है।
भारत में 'टच वुड' का इस्तेमाल अक्सर घर में लकी बांस, चंदन या लकी पेड़ को छूने के रूप में देखा जाता है। वहीं, ग्रामीण क्षेत्रों में बुजुर्ग लोग अक्सर बुरी नजर से बचने के लिये लकड़ी की वस्तु को छूते हैं।
Published By : Kunal Verma
पब्लिश्ड 3 December 2025 at 23:09 IST