अपडेटेड 16 May 2025 at 11:24 IST

अमेरिका-लंदन जैसे देशों की वर्ल्ड फेमस यूनिवर्सिटीज, फिर क्यों तुर्किए से MoU साइन करते हैं भारत के ये विश्वविद्यालय? तथ्य हैरान करने वाले

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी-JNU, जामिया मिलिया इस्लामिया-JMI और छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी-CSJMU कानपुर जैसे भारत के बड़े संस्थानों ने तुर्किए की यूनिवर्सिटी के साथ किए गए शिक्षा समझौतों को निलंबित किया है।

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जेएनयू ने तुर्किए की यूनिवर्सिटी से समझौता निलंबित किया. | Image: ANI

India Turkey: भारत अब तुर्किए को सबक सिखाने की ठान चुका है। इस्लामिक तौर पर खुद को अरब देशों में मसीहा साबित करने की कोशिश में तुर्किए ने पाकिस्तान को साथ लिया और जंग का हिस्सा बनने तक के लिए तैयार हो गया। हालांकि नए हिंदुस्तान के विरोध का खामियाजा तुर्किए को कई तरह से चुकाना पड़ेगा और इसकी शुरुआत भारत में सबसे पहले शिक्षा क्षेत्र से हो चुकी है। हिंदुस्तान में  'Boycott Turkey' ट्रेंड पर है और इसका असर है कि सबसे पहले देश की प्रमुख यूनिवर्सिटीज ने तुर्किए से रिश्ते तोड़ने शुरू किए हैं।

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU), जामिया मिलिया इस्लामिया (JMI) और छत्रपति शाहू जी महाराज यूनिवर्सिटी (CSJMU) कानपुर ने तुर्किए की यूनिवर्सिटी के साथ किए गए शिक्षा समझौतों को निलंबित किया है। हालांकि तुर्किए के बारे में ज्यादा कुछ समझने से इतर इसको जानना जरूरी है कि अमेरिका-लंदन जैसे देशों और सिटीज की वर्ल्ड फेमस यूनिवर्सिटीज होने के बावजूद भारत के विश्वविद्यालयों ने तुर्किए की यूनिवर्सिटीज के साथ समझौते क्यों कर रखे हैं?

वर्ल्ड की 10 सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटीज

  • ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी- ब्रिटेन
  • मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MIT)- अमेरिका
  • हार्वर्ड यूनिवर्सिटी- अमेरिका
  • प्रिंसटन यूनिवर्सिटी- अमेरिका
  • कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी- ब्रिटेन
  • स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी- अमेरिका
  • कैलिफोर्निया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
  • कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, बर्कले- अमेरिका
  • इंपीरियल कॉलेज लंदन
  • येल यूनिवर्सिटी- अमेरिका

तुर्किए की यूनिवर्सिटीज से भारतीय विश्वविद्यायलों के समझौते क्यों?

असल में ये समझौते शिक्षा पर आधारित हैं और इनका मकसद वहां से तुर्किए भाषा को समझना है। इसको भी समझना होगा कि किसी भी देश के दूसरे देश के शैक्षणिक संस्थानों के साथ कई तरह के समझौते होते हैं, जो शिक्षा की बेहतरी के लिए किए जाते हैं। फैकल्टी एक्सचेंज, स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम, कॉन्फ्रेंस, शोध के प्रोजेक्ट , सांस्कृतिक अनुसंधान और शैक्षणिक टूर भी इसका हिस्सा होते हैं, जिससे छात्रों को फायदा मिलता है।

JNU की तुर्किए के मालट्या में स्थित इनोनू विश्वविद्यालय के साथ क्रॉस-कल्चरल रिसर्च और छात्र सहयोग को बढ़ावा की कोशिश में समझौता था। इसी तरह मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (एमएएनयूयू) ने तुर्किए के यूनुस एमरे इंस्टीट्यूट के साथ अपने शैक्षणिक समझौता कर रखा था। MANUU के स्कूल ऑफ लैंग्वेजेज, लिंग्विस्टिक्स एंड इंडोलॉजी में तुर्किए भाषा में डिप्लोमा शुरू किया गया था।

यह भी पढे़ं: व्यापारियों की सीएआईटी बैठक, तुर्किये और अजरबैजान का कर सकते हैं बहिष्कार

Published By : Dalchand Kumar

पब्लिश्ड 16 May 2025 at 11:24 IST